“
Warish Shah I call out to you, Rise from your grave, speak out and turn, Another page of the Book of Love
”
”
Amrita Pritam
“
When a man denies the power of women, he is denying his own subconscious.
”
”
Amrita Pritam
“
When the body perishes
all perishes
but the threads of memory
are woven of enduring atoms
I will pick these particles
weave the threads
and I will meet you yet again.
”
”
Amrita Pritam (ਮੈਂ ਤੇਨੁ ਫੇਰ ਮਿਲੰਗੀ)
“
काहनी लिखनेवाला बङा नहीं होता, बङा वह है जिसने काहनी अपने जिसम पर झेली है।
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
होंठों पर जिन्दगी की प्यास है
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
वह धरती नरक होती है जहाँ महुआ नहीं उगता.
कहानी "उधड़ी हुई कहानियाँ" से
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
कहीं भूलना अपने बस में होता!
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
तेरहवाँ-चौदहवाँ वर्ष, पता नहीं, कैसा होता है! यह शायद एक देहलीज़ होती है बचपन और जवानी के बीच
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
एक बार अगर कोई मुहब्बत के कुएँ में गिर पड़े तो फिर वह किसी से नहीं निकाला जाता।
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
मैं चुप शान्त और अडोल खड़ी थी
सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……फिर समुन्द्र को खुदा जाने
क्या ख्याल आया
उसने तूफान की एक पोटली सी बांधी
मेरे हाथों में थमाई
और हंस कर कुछ दूर हो गया
हैरान थी….
पर उसका चमत्कार ले लिया
पता था कि इस प्रकार की घटना
कभी सदियों में होती है…..
लाखों ख्याल आये
माथे में झिलमिलाये
पर खड़ी रह गयी कि उसको उठा कर
अब अपने शहर में कैसे जाऊंगी?
मेरे शहर की हर गली संकरी
मेरे शहर की हर छत नीची
मेरे शहर की हर दीवार चुगली
सोचा कि अगर तू कहीं मिले
तो समुन्द्र की तरह
इसे छाती पर रख कर
हम दो किनारों की तरह हंस सकते थे
और नीची छतों
और संकरी गलियों
के शहर में बस सकते थे….
पर सारी दोपहर तुझे ढूंढते बीती
और अपनी आग का मैंने
आप ही घूंट पिया
मैं अकेला किनारा
किनारे को गिरा दिया
और जब दिन ढलने को था
समुन्द्र का तूफान
समुन्द्र को लौटा दिया….
अब रात घिरने लगी तो तूं मिला है
तूं भी उदास, चुप, शान्त और अडोल
मैं भी उदास, चुप, शान्त और अडोल
सिर्फ- दूर बहते समुन्द्र में तूफान है…..
”
”
Amrita Pritam
“
a toy made of her own blood,
”
”
Amrita Pritam (Pinjar: The Skeleton and Other Stories)
“
गुलियाना के चेहरे की ओर देखती हुई मैं सोचने लगी कि इस धरती पर वे घर कब कब बनेंगे जिनके दरवाज़े तारों की चाबियों से खुलते हों.
कहानी 'गुलियाना का एक ख़त' से
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
प्यार होता, तो ज़िन्दगी से लम्बा होता।
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
इस वर्ष लड़कियों का एक पाँव देहलीज़ के इधर और एक पाँव देहलीज़ के उधर होता है।
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
चाहे कोई रूपो या चाहे कोई और, किसने अपने मन की तहों में कोई रूमाल या कोई अँगूठी नहीं दबाई हुई होती!
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
लगता था वह अभी रो पड़ेगी, पर वह रोई नहीं। या ऐसा रोना रोई जो किसी को दिखाई नहीं दिया! देखा, हम स्त्रियाँ कैसा रोना रो सकती हैं!
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
हीरे जैसी लड़की को तराजू में रखकर चाँदी के रुपयों की एवज कॅकड़ के पल्ले बाँध दिया!
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
आँखों से रोई मगर होंठों से कहने लगी,
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
किसी की हँसी में एक विश्वास घुला हुआ हो, उस समय उसकी आँखों में जो चमक उतर आती है,
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
उस प्यार के नहीं जो एक फूल की तरह गमले में रोपा जाता है। मैं उस प्यार के गीत लिखूंगी, जो गमले में नहीं उगता, जो सिर्फ धरती में उग सकता है।
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
सभ्यता का युग तब आएगा जब औरत की मरजी के बिना कोई औरत के जिस्म को हाथ नहीं लगाएगा।
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
हँस-बोल लेने की प्रीत अब बन्ती के कण्ठ में से होकर उसके दिल में उतरने लग गई थी।
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
पर चूल्हा बनाते समय वह ऐसे गाती है, जैसे कोई चरखा काते और लम्बा गीत शुरू कर दे!
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
“
हँस-बोल लेने का प्यार मेरी हड्डियों में समा गया है। लहू में रच गया है।
”
”
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
Amrita Pritam (मेरी प्रिय कहानियाँ [Meri Priya Kahaniyaan])
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Amrita Pritam
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Amrita Pritam