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क्षमतावाला इनसान कठिन परिश्रम, प्रयास और लगन से तमाम बाधाओं को पार करता हुआ अपना लक्ष्य हासिल कर ले और चैंपियन बन जाए। जाहिर है, आधारभूत प्रतिभा होना जरूरी है; लेकिन जो चीज इनसान को आगे बढ़ाती है और उसमें तथा अन्य में अंतर पैदा करती है, वह केवल और केवल इच्छा या भूख है। इच्छा तब पैदा होती है, जब आपके जीवन में कुछ ऐसा घटित होता है, जो अचानक भविष्य के संदर्भ में आपको खुद को देखने का नजरिया बदल देता है। इच्छा भी एक मार्गदर्शक की ही तरह है और आजकल सिक्स शूटर पर उसे ही तरजीह दी जाती है। इच्छा से बढ़त मिल जाती है। इच्छा वह ऊर्जा उत्पन्न करती है, जो आपको बिस्तर से अलग करती है, वह भी तब, जब आप बिस्तर छोड़ना नहीं चाहते। इच्छा आपको वह ताकत प्रदान करती है, जिससे आप मैराथन के आखिरी 100 मीटर दौड़ जाते हैं; जबकि आपके लिए अगला कदम भी असंभव सरीखा जान पड़ता है। इच्छा आपको कठिन चीजें करने की हिम्मत देती है, जो आपका प्रतिद्वंद्वी करने का इच्छुक नहीं होता। इच्छा ही प्रेरणा की जननी होती
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Zig Ziglar (KYA AAP JEETNA CHAHATE HAI by ZIGLAR, TOM: Do You Want to Win? Insights from Tom Ziglar (Hindi Edition))