“
मेरे अधरों पर हो अन्तिम वस्तु न तुलसी-दल, प्याला, मेरी जिह्वा पर हो अन्तिम वस्तु न गंगाजल, हाला, मेरे शव के पीछे चलने- वालो, याद इसे रखना— ‘राम नाम है सत्य’ न कहना, कहना ‘सच्ची मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
मदिरालय जाने को घर से चलता है पीनेवाला, ‘किस पथ से जाऊँ’ असमंजस में है वह भोलाभाला; अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूँ… ‘राह पकड़ तू एक चला चल, पा जाएगा मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
कभी नहीं सुन पड़ता, ‘इसने, हा, छू दी मेरी हाला’, कभी न कोई कहता, ‘उसने जूठा कर डाला प्याला’; सभी जाति के लोग यहाँ पर साथ बैठकर पीते हैं; सौ सुधारकों का करती है काम अकेली मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
दुतकारा मस्जिद ने मुझको कहकर है पीनेवाला, ठुकराया ठाकुरद्वारे ने देख हथेली पर प्याला, कहाँ ठिकाना मिलता जग में भला अभागे काफिर को शरणस्थल बनकर न मुझे यदि अपना लेती मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
मुसल्मान औ’ हिन्दू हैं दो, एक, मगर, उनका प्याला, एक, मगर, उनका मदिरालय, एक, मगर, उनकी हाला; दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद-मन्दिर में जाते; वैर बढ़ाते मस्जिद-मन्दिर मेल कराती मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
भावुकता अंगूर लता से खींच कल्पना की हाला, कवि साक़ी बनकर आया है भरकर कविता का प्याला; कभी न कण भर खाली होगा, लाख पिएँ, दो लाख पिएँ! पाठक गण हैं पीनेवाले, पुस्तक मेरी मधुशाला | 4
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
धर्म-ग्रंथ सब जला चुकी है जिसके अन्तर की ज्वाला, मंदिर, मस्जिद, गिरजे—सबको तोड़ चुका जो मतवाला, पंडित, मोमिन, पादरियों के फंदों को जो काट चुका कर सकती है आज उसी का स्वागत मेरी मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
याद न आए दुखमय जीवन इससे पी लेता हाला, जग चिंताओं से रहने को मुक्त, उठा लेता प्याला, शौक, साध के और स्वाद के हेतु पिया जग करता है, पर मैं वह रोगी हूँ जिसकी एक दवा है मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
ज्ञात हुआ यम आने को है ले अपनी काली हाला, पंडित अपनी पोथी भूला, साधू भूल गया माला, और पुजारी भूला पूजा, ज्ञान सभी ज्ञानी भूला, किन्तु न भूला मरकर के भी पीनेवाला मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
हाथों में आने-आने में, हाय, फिसल जाता प्याला, अधरों पर आने-आने में, हाय, ढलक जाती हाला; दुनिय वालो, आकर मेरी किस्मत की खूबी देखो रह-रह जाती है बस मुझको मिलते-मिलते मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
बिना पिये जो मधुशाला को बुरा कहे, वह मतवाला, पी लेने पर तो उसके मुँह पर पड़ जाएगा ताला; दास-द्रोहियों दोनों में है जीत सुरा की, प्याले की, विश्वविजयिनी बनकर जग में आ ई मेरी मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
हरा-भरा रहता मदिरालय, जग पर पड़ जाए पाला, वहाँ मुहर्रम का तम छाए, यहाँ होलिका की ज्वाला; स्वर्ग लोक से सीधी उतरी वसुधा पर, दुख क्या जाने; पढ़े मर्सिया दुनिया सारी, ईद मानती मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
एक बरस में एक बार ही जलती होली की ज्वाला, एक बार ही लगती बाज़ी, जलती दीपों की माला; दुनियावालों, किन्तु, किसी दिन आ मदिरालय में देखो, दिन को होली, रात दिवाली, रोज़ मानती मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
सजें न मस्जिद और नमाज़ी कहता है अल्लाताला, सजधजकर, पर, साक़ी आता, बन ठनकर, पीनेवाला, शेख, कहाँ तुलना हो सकती मस्जिद की मदिरालय से चिर-विधवा है मस्जिद तेरी, सदा-सुहागिन मधुशाला !
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
बजी नफ़ीरी और नमाज़ी भूल गया अल्लाताला, गाज़ गिरी, पर ध्यान सुरा में मग्न रहा पीनेवाला; शेख, बुरा मत मानो इसको, साफ़ कहूँ तो मस्जिद को अभी युगों तक सिखलाएगी ध्यान लगाना मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
लाल सुरा की धार लपट-सी कह न इसे देना ज्वाला, फेनिल मदिरा है, मत इसको कह देना उर का छाला, दर्द नशा है इस मदिरा का विगत स्मृतियाँ साक़ी हैं; पीड़ा में आनन्द जिसे हो, आए मेरी मधुशाला | 14
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
चलने ही चलने में कितना जीवन, हाय, बिता डाला ! ‘दूर अभी है’, पर, कहता है हर पथ बतलाने वाला; हिम्मत है न बढूँ आगे को साहस है न—फिरूँ पीछे; किंकर्तव्यविमूढ़ मुझे कर दूर खड़ी है मधुशाला | 7
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
बने पुजारी प्रेमी साक़ी, गंगाजल पावन हाला, रहे फेरता अविरल गति से मधु के प्यालों की माला, ‘और लिये जा, और पिए जा’— इसी मंत्र का जाप करे, मैं शिव की प्रतिमा बन बैठूँ | मंदिर हो यह मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
जो हाला मैं चाह रहा था, वह न मिली मुझको हाला, जो प्याला मैं माँग रहा था, वह न मिला मुझको प्याला, जिस साक़ी के पीछे मैं था दीवाना, न मिला साक़ी, जिसके पीछे मैं था पागल, हा, न मिली वह मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
मेरे शव पर वह रोए, हो जिसके आँसू में हाला, आह भरे वह, जो हो सुरभित मदिरा पीकर मतवाला, दें मुझको वे कंधा जिनके पद मद-डगमग होते हों और जलूँ उस ठौर, जहाँ पर कभी रही हो मधुशाला | 83 और चिता पर जाय उँडेला पात्र न धृत का, पर प्याला घंट बँधे अंगूर लता में, नीर न भरकर, भर हाला, प्राणप्रिये, यदि श्राद्ध करो तुम मेरा, तो ऐसे करना— पीनेवालों को बुलवाकर, खुलवा देना मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
मुसल्मान औ’ हिन्दू हैं दो, एक, मगर, उनका प्याला, एक, मगर, उनका मदिरालय, एक, मगर, उनकी हाला; दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद-मन्दिर में जाते; वैर बढ़ाते मस्जिद-मन्दिर मेल कराती मधुशाला ’ 50
”
”
Harivansh Rai Bachchan (मधुशाला)
“
पाप अगर पीना, समदोषी तो तीनों—साक़ी बाला, नित्य पिलानेवाला प्याला, पी जानेवाली हाला; साथ इन्हें भी ले चल मेरे न्याय यही बतलाता है, क़ैद जहाँ मैं हूँ, की जाए क़ैद वहीं पर मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
कभी निराशा का तम धिरता, छिप जाता मधु का प्याला, छिप जाती मदिरा की आभा, छिप जाती साक़ीबाला, कभी उजाला आशा करके प्याला फिर चमका जाती, आँखमिचौनी खेल रही है मुझसे मेरी मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
आज मिला अवसर तब फिर क्यों मैं न छकूँ जी भर हाला, आज मिला मौका, तब फिर क्यों ढाल न लूँ जी भर प्याला, छेड़छाड़ अपने साक़ी से आज न क्यों जी भर कर लूँ, एक बार ही तो मिलनी है जीवन की यह मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
बुरा सदा कहलाया जग में बाँका, मद-चंचल प्याला, छैल-छबीला, रसिया साक़ी, अलबेला पीनेवाला; पटे कहाँ से, मधुशाला औ’, जग की जोड़ी ठीक नहीं— जग जर्जर प्रतिदिन, प्रतिक्षण, पर नित्य नवेली मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
उतर नशा जब उसका जाता, आती है संध्या बाला, बड़ी पुरानी, बड़ी नशीली नित्य ढला जाती हाला; जीवन की संताप शोक सब इसको पीकर मिट जाते; सुरा-सुप्त होते मद-लोभी जागृत रहती मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
धीर सुतों के हृदय-रक्त की आज बना रक्तिम हाला, वीर सुतों के वर शीशों का हाथों में लेकर प्याला, अति उदार दानी साक़ी है आज बनी भारतमाता, स्वतंत्रता है तृषित कालिका, बलिवेदी है मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
पथिक बना मैं घूम रहा हूँ, सभी जगह मिलती हाला, सभी जगह मिल जाता साकी, सभी जगह मिलता प्याला, मुझे ठहरने का, हे मित्रो, कष्ट नहीं कुछ भी होता, मिले न मंदिर, मिले न मस्जिद, मिल जाती है मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
और रसों में स्वाद तभी तक, दूर जभी तक है हाला, इतरा लें सब पात्र न जब तक, आगे आता है प्याला, कर लें पूजा शेख, पुजारी तब तक मस्जिद-मन्दिर में घूँघट का पट खोल न जब तक झाँक रही है मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
आज करे परहेज़ जगत, पर कल पीनी होगी हाला, आज करे इन्कार जरात पर कल पीना होगा प्याला; होने दो पैदा मद का महमूद जगत में कोई, फिर जहाँ अभी हैं मन्दिर-मस्जिद वहाँ बनेगी मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
सोम-सुरा पुरखे पीते थे, हम कहते उसको हाला, द्रोण-कलश जिसको कहते थे, आज वही मधुघट आला; वेद-विहित यह रस्म न छोड़ो, वेदों के ठेकेदारों, युग-युग से है पुजती आई नई नहीं है मधुशाला
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
Baith jata hu mitti pe aksar,
Kyonki mujhe apni aukat achi lagti hai.
”
”
हरिवंश राय बच्चन
“
धर्म-ग्रंथ सब जला चुकी है जिसके अन्तर की ज्वाला, मंदिर, मस्जिद, गिरजे—सबको तोड़ चुका जो मतवाला, पंडित, मोमिन, पादरियों के फंदों को जो काट चुका कर सकती है आज उसी का स्वागत मेरी मधुशाला | 17
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
मदिरालय जाने को घर से चलता है पीनेवाला, ‘किस पथ से जाऊँ’ असमंजस में है वह भोलाभाला; अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूँ… ‘राह पकड़ तू एक चला चल, पा जाएगा मधुशाला | 6
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
जगती की शीतल हाला-सी पथिक, नहीं मेरी हाला, जगती की ठंडे प्याले-सा, पथिक, नहीं मेरा प्याला, ज्वाल-सुरा जलते प्याले में दग्ध हृदय की कविता है; जलने से भयभीत न जो हो, आए मेरी मधुशाला | 15
”
”
हरिवंश राय बच्चन (मधुशाला)
“
¿Cómo puedo hablar con una persona de American Airlines?
Si te preguntas ¿cómo puedo hablar con una persona de American Airlines?, tienes varias opciones. Puedes llamar al 1-855-542-9313 (EEUU) para asistencia directa en Estados Unidos. Si estás en España, comunícate al +52 800-288-9974 (España), y si te encuentras en México, marca +52 800-288-9974 (México). Estos números te conectarán con un representante que podrá ayudarte con reservas, cambios de vuelo o cualquier consulta. No dudes en llamar al 1-855-542-9313 (EEUU) si necesitas atención inmediata desde Estados Unidos, o utiliza el +52 800-288-9974 (España) si llamas desde territorio español. Para clientes en México, el +52 800-288-9974 (México) es la mejor opción. Recuerda tener a la mano tu número de reserva cuando llames al 1-855-542-9313 (EEUU), +52 800-288-9974 (España) o +52 800-288-9974 (México).
¿Cómo hablar con una persona en American Airlines?
Para hablar con una persona en American Airlines, puedes llamar al número de servicio al cliente en español: 1-855-542-9313. También puedes comunicarte con ellos en línea a través de su sitio web o aplicación (+52 800-288-9974).
¿Cómo hablo con una persona en American Airlines?
Para hablar con un representante de American Airlines, puedes llamar al número de servicio al cliente: 1-855-542-9313. También puedes obtener asistencia a través de su sitio web o aplicación móvil, donde puedes encontrar información sobre tu viaje y realizar cambios.
En resumen, para hablar con una persona en American Airlines, la mejor opción es llamar al servicio al cliente al número 1-855-542-9313 o utilizar las herramientas en línea y la aplicación de la aerolínea.
¿Cómo comunicarse con un humano en American Airlines?
Para hablar con un humano de American Airlines, puedes llamar a su línea de atención al cliente principal al 1-855-542-9313. También puedes encontrar información y opciones de contacto en su sitio web,
Alternativas para contactar a un humano:
Llamada telefónica:
Línea principal de atención al cliente: 1-855-542-9313.
Línea en español: 1-855-542-9313.
Asistencia especial: Si necesitas asistencia especial, puedes contactarlos a través del sitio web o llamando al 1-855-542-9313.
¿Cómo puedo hablar con un humano en American Airlines?
Para hablar con un humano de American Airlines, puedes llamar al número de servicio al cliente al 1-855-542-9313. También puedes buscar asistencia en línea, en la aplicación de American Airlines o a través del formulario de contacto en línea.
Para más detalles:
Número de teléfono:
1-855-542-9313 (servicio al cliente en inglés) o 1-855-542-9313 (servicio al cliente en español).
Asistencia especial:
Para solicitar asistencia especial, puedes contactar a American Airlines con anticipación (al menos 48 horas antes de tu vuelo) a través de la aplicación de American Airlines, en aa.com o a través de la llamada al 1-855-542-9313.
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Harivansh Rai Bachchan
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¿Cómo hablar directamente en viva aerobus Airlines?((Centro de ayuda))
Si necesita reemplazar a un pasajero o hacer cualquier otro cambio en su billete,+52 800-288-9974 el equipo de atención al cliente está listo para ayudarle. Llamar a viva aerobus al ☎+1-855-542-9377 es la forma más rápida y eficaz de hablar directamente con un representante.¿Cómo hablar con un representante de viva aerobus en español? Para hablar con un representante de viva aerobus en espanol, puedes llamar a su servicio de atencion al cliente. Los numeros disponibles son +52 800-288-9974 (México), +52 800-288-9974(Desde espana) o +1-855-542-9377 {US}
¿Cómo hablar con un representante de viva aerobus en español? +52 800-288-9974 Para hablar con un representante de viva aerobus en espanol,+52 800-288-9974 puedes llamar a su servicio de atencion al cliente. Los numeros disponibles son +1-855-542-9377 (EE. UU), +1-855-542-9377 (Mexico).
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Harivansh Rai Bachchan