“
Jo bhi hai wo thik hai....... Zikr kyun karen...
Hum hi sab Jahaan ki........Fikr kyun karen....
Jab use hi gham nhi....kyun hame ho gham...
Aasma pe hai khuda....aur zamin pe hum...
”
”
Sahir Ludhianvi
“
SeaMurgh ne teen baar phosphorus ki batti band ki aur goya hua:
Tu theek kehta hai main janta hun sirf insaan sakin hai, kayinaat ki baqi tamam cheezain mutaharrik hain kyun ke insaan Matlub hai aur baqi her shay Taalib... Afsos insaan ne apnay aap ko Matlub ki jaga se hataa ker Taalib bana liya, isi liye gerdish main hai. Werna wo is qadar deewanay.pan ka shikar na hota aur ab tak Allah ki raza ko paa leta
”
”
Bano Qudsia (Raja Gidh / راجه گدھ)
“
Samay ruka nahin, hum kyon theher gaye?
Abhi toh hum chale hi nahin, phir kyun thak gaye?
Utho Pathik, mat bhramittho, dhoomil andhiyaare mein –
Shreshtha wohi jo ghira nahin ho kshanik nirasha mein –
Jago! Jago! Man mat behlao!
Ek Maseeha tum bhi ban jao!
”
”
Anil Swarup (Ethical Dilemmas of a Civil Servant)
“
Qafas mein mujhse rudaad-e-chaman kahte na dar humdam, Giree hai jis pe kal bijli woh mera aashiyaan kyun ho.
”
”
Hasan Suhail Siddiqui (DUSK TO DUSK The Eternal Flame of Mirza Ghalib Urdu Poetry (The Mirza Ghalib Collection))
“
THERE IS A PROFIT IN DARKNESS
THEY HATE TO SEE THE SUN RISE
ANDHERE MEIN MUNAAFA ZIYAADA HAI RAAZ
NARAAZ HAIN SAB, KYUN SAHAR HO RAHI HAI
अंधेरे में मुनाफ़ा ज़ियादा है राज़
नाराज़ हैं सब क्यूं सहर हो रही है
”
”
Vineet Raj Kapoor
“
NBC News
"Lead from gasoline blunted the IQ of about half the U.S. population, study says" by Elizabeth Chuck
…on a population basis, shifting the average IQ down even a small amount could have large consequences, said Sung Kyun Park, an associate professor of epidemiology and environmental health sciences at the University of Michigan School of Public Health. The entire bell curve shifts, he explained, with more of the population at what was once the extreme low end of IQ scores.
”
”
Park, Sung Kyun
“
Mohabbat sirf ek se kyun?
Khuda to hum sab mein hai;
Mohabbat khuda hai,
Ye elaan har mazhab mein hai.
”
”
Tapan Ghosh (Faceless The Only Way Out)
“
महान दार्शनिक और भारत के राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने हिन्दुओं को परिभाषित करते हुए लिखा था—‘एक साझे इतिहास, साझे साहित्य और साझी सभ्यता वाली विशिष्ट सांस्कृतिक इकाई’।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
Zindagi ke kisse, chand lamhon mein rachay,
Aate hain log, rang bharne, phir chale jaate hain saath chhod ke.
Mulaqatein adhuri si, baatein teri yaadon mein khoyi,
Tanha safar, kyun lagta hai, kahani mein hai kuch khaas baat.
Tooti doriyan, rishton ke silsile mein chhupi hain,
Har musafir le kar aata hai, ek anokhi kahani, phir raahein hi bhatak jaati hain.
”
”
Huzefa Nalkheda wala
“
Jo ho chuka hai vo ho chuka hai
Jo boten hai vahi paten hai
Fir kyun bite pal pe pachhtaten hai
Jo bo rahe hai vahi payenge
Fir kyun aane bale pal se ghabrayenge
Fir kyun nahi jo pana hai vahi boten hai
Bite pal ki chinta ko chhodate hai
Aane bale pal ko Aaj ke pal se sjate hai
Jo ho chuka hai uspe muskurate hai
Jo ho raha hai uske sath chal padte hai
”
”
Arya vidhan
“
The radif is a rhyming alphabet, word or a phrase appears at the end of the first line of a ghazal and at the end of the every second line of each sher in the same ghazal. In other words, the radif demands a portion of the first line comprising not more than 2 to 3 words. For example, Yad hai is a radif in the following sher Chupke chupke rat din ansu bahana YAD HAI Hamko apni ashiqi ka wo zamana YAD HAI Hai is a radif in the following sher Hangama hai kyun barpa thodi si jo pi li HAI Daka to nahin dala chori to nahin ki HAI
”
”
R.K. Das (Essays on Poetry and Music of Indian Ghazals)
“
Shayero'n si Shayeri main karta chala gya,
Mehboob ko bahoo'n mein bharta chala gya.
Tha unko bhi Ilam iss mohabat mere dost,
Par najane kyun woh apne aap se mukarta chala gya
”
”
Samar Sudha
“
उन्होंने ‘धर्म’ को ‘सद्आचरण की संहिता, कुलीन संस्कारगत जीवन-शैली, धार्मिक नियमों का अनुसरण और पालन’ के रूप में परिभाषित किया है।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
दादा वासवानी ने हिन्दूवाद को ‘धर्मों की फेलोशिप’, ‘दर्शन शास्त्रों की फ़ेडरेशन’ और ‘लीग ऑफ़ रिलिजंस’ बताया था।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
धर्म’ शब्द संस्कृत के ‘ध्र’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है थामना या पकड़ना। इसलिए धर्म एक ऐसी चीज़ है जो मनुष्य के अस्तित्व को थामकर या सँभालकर रखती है; वह नियम जो अस्तित्व की बागडोर को थामकर रखता है। धर्म के अनुसार जीने का अर्थ है— सत्य के अनुसार जीना। एक हिन्दू के लिए नैतिक जीवन धर्म के पालन से जुड़ा जीवन है,
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
गार्गी’ और ‘मैत्रेयी’ जैसे नाम आज दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुछ कॉलेजों की शोभा बढ़ा रहे हैं। विश्वपारा, घोषा और आपाला कुछ अन्य प्रमुख ऋषिकाएँ थीं।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
Sarfaroshi ki tamanna ab hamaare dil mein hai
Dekhna hai zor kitna baazu-e-qaatil mein hai
Karta nahin kyun doosra kuch baat-cheet
Dekhta hun main jise woh chup teri mehfil mein hai
Aye shaheed-e-mulk-o-millat main tere oopar nisaar
Ab teri himmat ka charcha ghair ki mehfil mein hai
Sarfaroshi ki tamanna ab hamaare dil mein hai
Waqt aanay dey bata denge tujhe aye aasman
Hum abhi se kya batayen kya hamare dil mein hai
Khainch kar layee hai sab ko qatl hone ki ummeed
Aashiqon ka aaj jumghat koocha-e-qaatil mein hai
Sarfaroshi ki tamanna ab hamaare dil mein hai
The desire for revolution is in our hearts
Let us see what strength there is in the arms of our executioner
O nation, why no one else says anything?
Everyone I see in this party has their lips sealed…
O martyr of country, of nation, I bow to thee
As even the enemy now speaks of thy courage
The desire for revolution is in our hearts…
We shall show thee when the time comes, O heaven
For why should we speak now of what lurks in our hearts?
The hope of blood and sacrifice, binds us all and brings us here
The streets of the enemy now overflows with the lovers of the nation
The desire for revolution is in our hearts…)
”
”
bismil azimabadi
“
उत्सव’ का अर्थ ही है, दुख और चिन्ता से मुक्त होना (‘उत्’ अर्थात् त्यागना या हटाना और ‘सव’ अर्थात् सासांरिक कष्ट या चिन्ताएँ)।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
हिन्दू वह मनुष्य है जो एक वस्तुपरक सच्चाई के अस्तित्व, जिसे ईश्वर कहा जाता है, का पता लगाने की खोज में जुटा रहता है, और उसके अस्तित्व को लेकर आश्वस्त हो जाने के बाद उसे पा लेता है; इसके लिए वह जो साधन इस्तेमाल करता है, वे अन्तर्निहित रूप से व्यक्तिपरक होते हैं
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
कोई विचार निर्णायक या अन्तिम नहीं है धर्म का मर्म अदृश्य और अज्ञात है सद्मार्ग केवल महापुरुषों का सद्मार्ग है —यक्ष प्रश्न, श्लोक 11426
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
तिलक ने सनातन धर्म सभा की एक बैठक में कहा था, “वेदों के स्वयं स्पष्ट और स्वयंसिद्ध सत्यों में विश्वास रखने वाला व्यक्ति हिन्दू है।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
राधाकृष्णन ने 1926 में हिन्दूवाद पर अपने प्रसिद्ध व्याख्यानों की शुरुआत करते हुए कहा था—“क्या यह आस्थाओं का अजायबघर है, धार्मिक रस्मों का पिटारा, या सिर्फ़ भौगोलिक अभिव्यक्ति का एक मानचित्र?
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
इस्लाम ने हिन्दूवाद के दार्शनिक आधार को चुनौती देते हुए इसके सामाजिक ढाँचे पर प्रश्न किया, इसके पन्थिक विश्वासों को नकारा, इसके बहुलवादी सिद्धान्तों को तिरस्कार से देखा और इसके ख़ज़ानों को लूटने के लोभ का खुल कर प्रदर्शन किया।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
भक्ति ने हिन्दू धर्म को वैदिक कर्मकाण्ड, कठोर ब्रह्मचर्य और गूढ़ आध्यात्मिक ज्ञान से ऊपर उठाकर इसे एक सरल और जन-जन का धर्म बना दिया। भक्त और भगवान के बीच प्रेम भरे सम्बन्धों और सच्ची भक्ति से परम आध्यात्मिक आनन्द प्राप्त किया जा सकता था। इसके लिए किसी औपचारिकता या मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं थी।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
वेदों ने अत्यधिक कर्मकाण्ड और औपचारिकताओं पर आधारित धर्म को जन्म दिया तो उपनिषदों ने दार्शनिक चिन्तन और आध्यात्मिक आन्दोलन के माध्यम से धर्म को कम बोझिल और अधिक लचीला बनाया। जब धर्म परस्पर मतभेदों और सिद्धान्तों के टकराव का अखाड़ा बनने लगा तो बुद्ध ने सादगी और नैतिकता का सन्देश देकर एक नयी राह दिखाई। इसके बाद आदि शंकराचार्य ने देश भर का भ्रमण करते हुए और जगह-जगह मन्दिर और चार बड़े मठ स्थापित करते हुए हिन्दू धर्म का पुनरुत्थान और पुनर्जागरण किया। शंकराचार्य और उसके बाद रामानुज के प्रयासों से ही हिन्दू धर्म एक बार फिर से भारत का प्रमुख और सबसे लोकप्रिय धर्म बन पाया। मध्वाचार्य, चैतन्य, रामानन्द और बसव (जिनके लिंगायत अनुयायी आजकल अपने धर्म को एक अलग धर्म माने जाने का आग्रह कर रहे हैं) जैसे सुधारकों के साथ-साथ कबीर, मीराबाई, तुलसीदास और गुरुनानक (जिनके द्वारा सिख धर्म की नींव रखी जाने के बावजूद जिन्हें स्वामी विवेकानन्द की तरह बहुत-से हिन्दू एक हिन्दू सुधारक के रूप में भी देखते हैं)
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
रमण महर्षि की गहरी आध्यात्मिक लगन, आत्म-बोध की तड़प, और अद्वैत और भक्ति के उनके असीम ज्ञान के कारण उन्हें ‘जीवनमुक्ता’ के रूप में जाना जाने लगा था। अगर हम रामकृष्ण परमहंस को ‘भक्ति योग’ के प्रतीक के रूप में देखें और स्वामी विवेकानन्द को ‘कर्म योग’ के प्रतीक के रूप में, तो हम रमण महर्षि को ‘ज्ञान योग’ के प्रतीक के रूप में देख सकते हैं। उनके आत्म-बोध की कुंजी यह प्रश्न था—‘मैं कौन हूँ?
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
ज़्यादा प्रभाव श्री नारायण गुरु ने छोड़ा, जो पिछड़ी जाति के होने के बावजूद सभी बन्धनों को तोड़ते हुए एक महात्मा पुरुष के रूप में उभरे। उन्होंने प्रेम, समानता और सार्वभौमिकता के सिद्धान्तों वाले हिन्दूवाद की शिक्षा दी। उनका धर्म वाक्य था—‘सभी मनुष्यों के लिए एक धर्म, एक जाति और एक ईश्वर’। उनके अनुसार, “मनुष्य की जाति कुछ भी हो, उसे एक अच्छा मनुष्य होना चाहिए।” उन्होंने पूरे दक्षिण भारत में बहुत-से शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
भारतीय समाज में जाति संसाधनों और अवसरों के वितरण को नियन्त्रित करती है। जाति आपके जीवन में पूरी तरह मौजूद रहती है, भले ही यह सीधे-सीधे दिखाई न दे, क्योंकि आपकी सामाजिक और आर्थिक पूँजी आपकी जाति का ही उत्पादन होती है।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
चौथी शाखा ‘योग दर्शन’ है, जो भले ही शारीरिक अभ्यास या व्याख्या के रूप में आज दुनिया भर में प्रसिद्ध हो चुका हो, परन्तु वास्तव में इसका सम्बन्ध मस्तिष्क, श्वांस और शरीर को नियन्त्रित करके ईश्वरीय समाधि प्राप्त करने से है।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
हिन्दू आध्यात्मिक सत्य की अन्तहीन खोज में कैसे भी रास्ते अपना सकता है। इन स्वामियों और बाबाओं के बहुत-से भक्त हिन्दू नहीं हैं। इसी तरह, कुछ बाबा स्वयं भी हिन्दू नहीं हैं, परन्तु उनके भक्तों में बड़ी संख्या में हिन्दू शामिल हैं। इस बात को भी ध्यान में रखने की ज़रूरत है कि भक्तों पर इन ढोंगी बाबाओं के प्रभाव का एक कारण भारतीय समाज में विघटन और भटकाव की भावना भी
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
ये पाँच मठ बद्रीनाथ (उत्तराखण्ड) के पास स्थित ज्योतिर्मठ, पुरी (ओडिशा) में स्थित गोवर्द्धन मठ, द्वारका (गुजरात) में स्थित कालिका मठ, शृंगेरी (कर्नाटक) में स्थित शारदा पीठ, और कांचीपुरम (तमिलनाडु) में स्थित कांची कामकोटि पीठम हैं।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
वायु बहने से क्यों नहीं रुकती? मस्तिष्क विश्राम क्यों नहीं करता? सत्य की खोज में बहता जल कभी थमता क्यों नहीं? —अथर्ववेद, X, 7, 3731
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
चण्डाल ने पलटकर आदि शंकराचार्य से पूछा था, “आप कौन होते हैं मुझे हटने के लिए कहने वाले? क्या मेरे भीतर का ‘स्व’ आपके भीतर के ‘स्व’ से अलग है?” निम्न जाति के चण्डाल के मुख से अद्वैत का यह दर्शन सुन कर आदि शंकराचार्य इतने हतप्रभ रह गये कि उन्होंने उसके आगे नतमस्तक होते हुए उसे अपना गुरु मान लिया।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
दिव्यता के प्रति श्रद्धा, इसका स्रोत कुछ भी क्यों न हो, एक उल्लेखनीय हिन्दू विशिष्टता है
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
यह धर्म विश्व को सिर्फ़ सहिष्णुता ही नहीं बल्कि स्वीकृति सिखाता है। उनका मानना था कि हिन्दू धर्म के खुलेपन, विविधता और अन्य धर्मों को स्वीकार करने की क्षमता को देखते हुए यही एक ऐसा धर्म था जो दूसरों को ख़तरे में डाले बिना अपना प्रभाव बढ़ा सकता था। इस धर्म संसद में उन्होंने उस उदार मानवतावाद का विस्तार से वर्णन किया था
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
कश्मीर की लाला रुख़ (1317-1372) भी भक्ति रस की सन्त कवयित्री के रूप में ख़ूब लोकप्रिय रही थीं। वे भगवान शिव की भक्तिन थीं और दिन-रात उन्हीं के भक्ति रस में डूबी रहती थीं। उन्होंने मुसलमानों और हिन्दुओं में भेद करने से इनकार करते हुए अपनी रचनाओं में खुलकर इन भावनाओं को व्यक्त किया।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
इसका दायरा इतना व्यापक था कि गुजरात के महान कवि, दार्शनिक और धर्मोपदेशक नरसी मेहता से लेकर मिथिला के विद्यापति और बंगाल के चैतन्य देव तक कितने ही महापुरुष इस महाधारा से जुड़ते रहे। (चैतन्य देव ने कीर्तनों और कृष्ण के भजनों के माध्यम से बंगाल में एक वैष्णव आन्दोलन ही शुरू कर दिया था।) महाराष्ट्र के सन्त ज्ञानेश्वर, सन्त तुकाराम, सन्त एकनाथ और सन्त नामदेव, कर्नाटक के बसवन्ना और तमिलनाडु के त्यागराज इत्यादि सभी इस आन्दोलन का हिस्सा बनकर अपनी-अपनी भूमिका निभाते रहे और भक्ति का सन्देश फैलाते रहे। कृष्णभक्त शंकर देव देश भर का
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
ऊँचा मनुष्य वह है जो स्वयं को जानता है,” वे कहा करते थे। “क्या देवता का मन्दिर और शूद्र का झोंपड़ा एक ही पृथ्वी पर नहीं खड़े हैं? क्या अनुष्ठान का जल कुल्ला करने वाले जल से अलग होता है?
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
धर्म और स्त्रियों के सतीत्व की रक्षा के लिए उठाये गये इन क़दमों में मन्दिरों में प्रवेश पर नियन्त्रण (ताकि उनका ख़ज़ाना ताक-झाँक करने वालों की नज़रों में न आये), बाल-विवाह (ताकि उनका सतीत्व सुरक्षित रहे और वे आक्रमणकारियों की हवस का शिकार होने से बची रहें) और सती प्रथा (विधवाओं के सतीत्व की रक्षा के लिए) इत्यादि शामिल थे। इस प्रकार, ये सभी घृणित सामाजिक व्यवहार हिन्दूवाद का अभिन्न अंग न होकर बाहरी आक्रमणों से उपजी परिस्थितियों में विवशतावश उठाये गये क़दम थे,
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
अब हमारे देश में आगे बढ़ने के लिए पिछड़ा होना ज़रूरी है।” (शायद यह टिप्पणी पूर्वाग्रह युक्त लगे,
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
वेदान्त के पाँच आधार स्तम्भ हैं—शास्त्र, प्रमाण (युक्ति), अनुभव, कर्म (आध्यात्मिक आचरण) और मस्तिष्क (चित्त) की निर्मलता और स्थिरता। इनमें से मात्र कुछ अपने-आपमें पर्याप्त नहीं हैं।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
ब्रह्म नामक विराट आत्मा पूरे ब्रह्माण्ड को अपने घेरे में समेटे हुए है और यही एकमात्र और परम सत्य है।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
दूसरों को आँकने की कसौटी उनकी जाति न होकर— जैसाकि मार्टिन लूथर किंग कहा करते थे— उनके चरित्र के तत्त्व या उनकी योग्यताओं का सार था।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
तीन प्रस्थान— उपनिषद्, ब्रह्मसूत्र (450 ईसापूर्व से 200 ईसवी के बीच बादरायण द्वारा रचित 555 श्लोक, जिनमें उपनिषदों के आध्यात्मिक और दार्शनिक विचारों का सार है) और भगवद्गीता— हिन्दू दर्शनशास्त्रियों के अनुसार धर्म, ज्ञान और अनुशासन के तीन चरणों से सम्बन्ध रखते
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
मृत्यु और अमरता जिसकी छाया प्रतिबिम्ब है उस देवता की उपासना करें हम हवि देकर। जिसके बल पर तेजोमय है अम्बर पृथ्वी हरी-भरी, स्थापित, स्थिर स्वर्ग और सूर्य भी स्थिर ऐसे देवता की उपासना करें हम हवि देकर। —ऋग्वेद, 1, 121,
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
आध्यात्मिक जगत् के नियम भी हमेशा से मौजूद हैं और रहेंगे। आत्मा और आत्मा के बीच जो नैतिक और आध्यात्मिक सम्बन्ध हैं, और आत्मा और सभी आत्माओं के पिता अर्थात् परमात्मा या परमेश्वर के बीच जो नैतिक और आध्यात्मिक सम्बन्ध हैं, वे उनकी खोज से पहले भी मौजूद थे, और अगर हम उन्हें भूल भी जाते हैं तो भी वे मौजूद रहेंगे।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
एक मनुष्य को भी इस संसार में रहते हुए अपना हृदय ईश्वर से और अपने हाथ अपने कर्म से जोड़े रखने चाहिए।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
हिन्दू धर्म का समूचा लक्ष्य मनुष्य के परिपूर्णता पर पहुँचने का सतत संघर्ष
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
शंकराचार्य ने अपने सिद्धान्त के चार महावाक्यों की भी रचना की—‘प्रज्ञान ब्रह्म’ (ज्ञान ब्रह्म है); ‘अयं आत्मा ब्रह्म’ (आत्मा ब्रह्म है); ‘तत् त्वमसि’ (कि तुम हो); और अहं ब्रह्मास्म’ (मैं ब्रह्म हूँ)। ये चार महावाक्य हिन्दू आध्यात्मिक चिन्तन के मार्गदर्शक सिद्धान्त कहे जा सकते हैं
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
मण्डूक उपनिषद् में ओ३म् को धनुष, आत्मा को बाण और ब्रह्म को लक्ष्य बताया गया है।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
आस्था के अन्य मार्ग भी उतने ही वैध हैं—हिन्दूवाद का केन्द्रीय बिन्दु है
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
एक भटके हुए इनसान को इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि उसे रास्ता दिखाने वाला बलात्कारी है। एक भूखा इनसान एक हत्यारे के हाथ से भी खाना ले लेगा।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
वेदों का अर्थ पुस्तकें नहीं हैं। वे आध्यात्मिक नियमों का एक ऐसा कोश हैं जिन्हें अलग-अलग महापुरुषों ने अलग-अलग समय में खोजा।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
आस्था ही विचार को सम्भव बनाती है। आस्था हमें वह अविचारित ज़मीन देती है जिस पर विचार जन्म लेते हैं।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
आस्था ही नैतिकता और अन्य निर्णयों को सम्भव बनाती है और हमारे सामने एक ऐसा क्षितिज खोलती है जो हमारे कृत्यों को अर्थपूर्ण बनाता
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
जिसे हिन्दू ब्रह्म के रूप में, पारसी अहुरा मजदा के रूप में, बौद्ध बुद्ध के रूप में, यहूदी यहोवा के रूप में और ईसाई ‘फ़ादर इन हैवन’ के रूप में जानते है।” उनके लिए वे सब एक ही थे। “जिसका अस्तित्व है वह एक ही है,
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
संन्यासी रामानन्द चौदहवीं सदी में आर्यावर्त भूमि अर्थात् गंगा के समूचे मैदानी क्षेत्र में घूमते हुए ईश्वर-भक्ति का सन्देश देते रहे। सांसारिक कष्टों से उबरने के लिए कृपालु ईश्वर से जुड़ने के उनके सन्देश में सभी मनुष्यों की समानता के विचार के साथ-साथ एक मोहक रहस्यवाद भी था, जिसके कारण उनकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैल गयी। बाद में वाराणसी में बस जाने के बाद वे अपने योग्य शिष्यों के माध्यम से भक्ति का सन्देश देते रहे।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
स्वामी विवेकानन्द के अनुसार, “शाक्य मुनि (बुद्ध) कुछ नष्ट करने के लिए नहीं आये थे। वे तो एक प्राप्ति थे, एक तर्कपूर्ण निष्कर्ष थे, हिन्दू धर्म के तार्किक विकास के प्रतीक थे। हिन्दू दर्शन और हिन्दू मस्तिष्क के बिना एक बौद्ध का काम नहीं चल सकता; और एक बौद्ध के हृदय के बिना एक हिन्दू का भी काम नहीं चल सकता।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
विशुद्ध तर्कशीलता से दार्शनिक सत्य तक नहीं पहुँचा जा सकता। सत्य की खोज के लिए ज्ञान के साथ-साथ अनुभव और अन्तर्दृष्टि भी उतने ही महत्त्वपूर्ण हैं।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
मैं तुम्हें सिर्फ़ प्रेम के लिए निःस्वार्थ भाव से प्रेम कर सकूँ।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
हरि स्तुति’ में एक स्त्रोत है, जिसका अर्थ है—“तीनों लोकों के स्वामी विष्णु, जिन्हें शैव शिव के रूप में, वेदान्ती ब्रह्म के रूप में, बौद्ध बुद्ध के रूप में, नैयायिक प्रधान के रूप में, जैन महावीर के रूप में और कर्मकाण्डवादी धर्म-सिद्धान्त के रूप में पूजते हैं, हमारी कामना पूरी करें।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
शंकराचार्य का अनुसरण करने के बावजूद रामानुज ने ‘गीता’ और ‘ब्रह्मसूत्र’ की जो व्याख्याएँ कीं, वे शंकराचार्य की व्याख्याओं से बिल्कुल अलग थीं। उनके अनुसार, कर्म के दायित्वों को ईश्वर के प्रेम और कृपा से ही निभाया जा सकता था, जिसे ईश्वर की सच्ची भक्ति और उसके प्रति अटूट समर्पण के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता था। इस प्रकार उन्होंने आदि शंकराचार्य के दार्शनिक धर्म की बजाय ईश्वर-प्रेम और ईश्वर-भक्ति का रास्ता अपनाया और हिन्दू धर्म को जन-जन का धर्म बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने ईश्वर-भक्ति को लोकप्रिय बनाते हुए इसे एक संगठनात्मक स्वरूप प्रदान किया और दैनिक पूजा और वार्षिक मन्दिर उत्सवों के माध्यम से लोगों को आपस में जोड़ा।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
उत्तंग फिर भी नहीं माना और पानी का प्रबन्ध न करने के लिए भगवान कृष्ण को कोसने लगा। देखते-ही-देखते वह शिकारी अदृश्य हो गया और उसकी जगह स्वयं भगवान कृष्ण प्रकट हो गये। उन्होंने उत्तंग को बताया कि उन्होंने फटेहाल शिकारी के भेस में स्वयं इन्द्र देवता को भेजा था और खाल की उस थैली में पानी की जगह अमृत था। उसे पीते ही उसे अमरत्व प्राप्त हो जाता। कृष्ण ने उसे फटकारते हुए कहा कि उसने शिकारी को उसके चीथड़ों और जाति से आँकने की कोशिश की थी और परिणामस्वरूप वह अमरत्व प्राप्त करने के सुनहरे अवसर को खो बैठा था।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
विशेष धर्म-ग्रन्थों को अपना आधार बनाया—भगवद्गीता, ब्रह्मसूत्र और 108 उपनिषदों में से 10 उपनिषद। उन्होंने इन्हें अपने सन्दर्भ ग्रन्थ बताते हुए अपने ‘भाष्यों’ के माध्यम से इनकी व्याख्याएँ कीं। अद्वैत दर्शन के अनुसार, सत्य को स्पष्ट करने के लिए तर्कशीलता अनिवार्य है। शंकराचार्य स्वयं भी अपने समय में शास्त्रार्थ के महारथी थे।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
सांख्य दर्शन ‘द्वैतवाद’ पर विश्वास करते हुए यह मानता रहा है कि आत्मा और ब्रह्म दो अलग इकाइयाँ या सत्ताएँ हैं,
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
जुड़ाव का नियम (लॉ ऑफ़ एसोसिएशन) यह कहता है कि भौतिक छवि एक मानसिक विचार की प्रतीक होती है और इसका उलटा भी उतना ही सही है। यही कारण है कि हिन्दू पूजा करते समय अपने सामने एक भौतिक प्रतीक रखना पसन्द करते हैं।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
“
हिन्दूवाद ईसाइयत और इस्लाम को भी आत्मसात कर लेता, परन्तु ये धर्म हिन्दूवाद द्वारा अंगीकार किये जाने के लिए तैयार नहीं थे। इसका प्रमुख कारण यह था कि ये धर्म अपने सत्य को ही एकमात्र और अन्तिम सत्य समझते थे, न कि एक विराट सत्य के विविध रूपों में से एक विशिष्ट रूप।
”
”
Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
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उसका न कोई आदि है न अन्त अव्यवस्था के बीच एक रचनाकार असंख्य रूपों और आकारों का निराकार चितेरा जिसने उस ईश्वर को जान लिया समझो सब बन्धनों से मुक्त हो गया। —श्वेताश्वतर उपनिषद्,
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Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
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अंकुश लगाने की बजाय सभी पार्टियों की सरकारें इनका खुल कर समर्थन करती रही हैं। इनकी धार्मिक प्रकृति इन्हें नशे और अपराध की दुनिया का एक कहीं बेहतर और सुरक्षित विकल्प बना देती है। इन डेरों ने नशे की लत को कम किया है, लोगों के अकेलेपन को समुदाय से जोड़ दिया है और मोहभंग और हताशा की आवाज़ को ईश्वरीय आस्था में बदल दिया है
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Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
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इससे आम जनता पर धार्मिक नेताओं की गहरी पकड़ का भी पता चलता है, जो कमज़ोर वर्गों की सामाजिक पहचान और गरिमा की ज़रूरत को भुनाते हुए उनके मसीहा बन बैठते हैं।
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Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
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अपनी स्थिति को स्वीकार करो—शान्त और सन्तुष्ट रहो, और अपने से श्रेष्ठ जीवन जीने वालों की सेवा करो ताकि उनकी तरह आपका भी अगला जन्म सुधर सके। इसे एक तरह से लोगों को सन्तुष्ट रखने और सामाजिक शान्ति बनाये रखने का दर्शन कहा जा सकता है, जो सदियों तक अपने उद्देश्य में सफल भी रहा।
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Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
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ब्रह्म ‘परमार्थिक सत्यम्’ है, परम सत्य, और मनुष्य की ‘आत्मा’ या ‘स्व’ इसी का एक अंश है। इस परम सत्य का बोध ही— जो अपने-आपमें एक पूर्ण चेतना का प्रतीक है—मनुष्य को मोक्ष की तरफ़ ले जाता है। कुछ
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Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
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Hawa! It’s my family!” Camellia’s smile was brighter than a star as she waved at them. “Kirikiri, Iris, Lilian, Kevin-kyun! Hullo!” “Um, hello, Camellia,” Kevin muttered, warily eying the soldiers, who were looking at them stupidly. “My Lady, are… are you well? You’re not hurt, are you?” Kirihime asked, her fingers twitching, clearly longing to reach for the daggers under her dress. “Um!” Camellia nodded joyfully. “These nice people kept me company.” The “nice people” that Camellia mentioned snapped out of their fugue. They looked from the group of kitsune to Camellia, then back to the kitsune. Camellia again. Then the kitsune one more time. For good measure. “So, wait, these are the people you’re looking for?” one of the soldiers asked. “Yes!” Camellia’s sunny smile hadn’t changed in the slightest. She was completely unaware of the heavy tension pervading the atmosphere. “Those two are my daughters, and that’s Kevin-kyun, and that one is Kirikiri.” “Daughters,” one of the men muttered, eyes straying to the tails writhing behind the backs of the three kitsune. “Your daughters are kitsune.” “Of course,” Camellia said as if the answer should have been obvious. “I’m a kitsune, too.” As she spoke, five tails emerged from underneath her magical girl skirt, and her ears sprouted fur and became long and pointed. The group of spandex-clad men eyed each other. Anxiety was written all over their faces. They looked at Camellia’s still smiling face, then at the other four people. Kirihime had now taken out her knives, Lilian had several orbs of light orbiting her, and Iris had summoned some void fire, which hovered over her tails. Kevin didn’t have a weapon, or superpowers, but that didn’t stop him from preparing for combat. “We’re screwed, aren’t we?” asked one of the men. Everyone sans Camellia nodded. “Thought so.” ***
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Brandon Varnell (A Fox's Vacation (American Kitsune, #5))
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धर्म’ शब्द को अब अंग्रेज़ी शब्दकोशों में भी शामिल किया जाने लगा है। (उदाहरण के लिए, चैम्बर्स ट्वेंटिएथ सेंचुरी डिक्शनरी में ‘धर्म’ का अर्थ ‘राइशियसनेस दैट अण्डरलाइज़ द लॉ’ दिया गया है।) इसे एक सन्तोषजनक अर्थ माना जा सकता है। दरअसल, अंग्रेज़ी का कोई भी इकलौता शब्द (फेथ, रिलिजन, या लॉ) ‘धर्म’ के पूरे अर्थ को अभिव्यक्त नहीं कर सकता।
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Shashi Tharoor (Main Hindu Kyun Hoon)
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Professor of Biophysics at Iowa State University Dr. Yeon-Kyun Shin is a noted authority on how cholesterol functions within neural networks to transmit messages. He put it bluntly in an interview for a ScienceDaily reporter:28 If you deprive cholesterol from the brain, then you directly affect the machinery that triggers the release of neurotransmitters. Neurotransmitters affect the data-processing and memory functions. In other words—how smart you are and how well you remember things. If you try to lower the cholesterol by taking medication that is attacking the machinery of cholesterol synthesis in the liver, that medicine goes to the brain too. And then it reduces the synthesis of cholesterol, which is necessary in the brain. Our study shows there is a direct link between cholesterol and the neurotransmitter release, and we know exactly the molecular mechanics of what happens in the cells. Cholesterol changes the shape of the proteins to stimulate thinking and memory.
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David Perlmutter (Grain Brain: The Surprising Truth about Wheat, Carbs, and Sugar--Your Brain's Silent Killers)
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Takta Hoon Tum Ko
Takta hoon tum ko, yeh dil behak jata hai
Tumhare jalwe mein jahan tham sa jata hai
Tumhari aankhon ki gehraayi mein doob jata hoon
Tumhari muskaan pe har dard bhool jata hoon
Tum chalti ho to hawa gungunane lagti hai
Tum bolti ho to khamoshi bhi jagti hai
Yeh dil tumhare lamss ki tamanna liye
Har lamha teri qurbat ki dua kiye
Magar tum door ho, yeh faasle kyun hain?
Yeh faaslon mein bhi mohabbat ke geet kyun hain?
Takta hoon tum ko, aur jeeta hoon tum mein
Tumhare khwabon mein, aur haqeeqat ke gum mein
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Janid Kashmiri
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South Korea’s pandemic response earned citizens’ trust, which they repaid in dividends. Infected people generally quarantined voluntarily without lockdowns. By the end of 2021, more than 80 percent of eligible South Koreans had been vaccinated, compared to barely 60 percent in the US and less than 70 percent in the UK. As Prime Minister Chung Sye-kyun later reflected, “Once you have the trust of the people, it is possible to have a high rate of vaccination.” The opposite was also true. Research found that distrustful people around the globe were less likely to be vaccinated, leading to more infection and death among low-trust nations and countries. According to one analysis, if every country in the world had experienced South Korea’s high level of trust, 40 percent of global infection could have been prevented.
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Jamil Zaki (Hope for Cynics: The Surprising Science of Human Goodness)