Itihas Quotes

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जहाँ तक हमारी जानकारी है, जिन लोगों ने कोई 30,000 साल पहले स्टाडेल नर-सिंह को उत्कीर्ण किया था, उनमें हमारी ही तरह की शारीरिक, भावनात्मक और बौद्धक क्षमताएँ थीं।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
एक साझा मिथक में विश्वास करते हुए बड़ी संख्या में अजनबी सफलतापूर्वक परस्पर सहयोग कर सकते हैं।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
सिद्धान्त के पूर्वानुमानों से भिन्न एवं प्रतिकूल किसी भी एक अभिमत या प्रेक्षण के आधार पर आप उस सिद्धान्त को गलत सिद्ध कर सकते हैं।
Stephen Hawking (Samay Ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
शुद्ध चिन्तन मात्र से ब्रह्माण्ड को नियन्त्रित करनेवाले सभी नियमों को समझा जा सकता है : इन्हें प्रेक्षणों द्वारा जाँचने की आवश्यकता नहीं है।
Stephen Hawking (Samay Ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
भौतिक सिद्धान्त, इस अर्थ में सदैव अस्थायी होता है कि यह मात्र एक परिकल्पना होती है : आप इसे कभी सिद्ध नहीं कर सकते।
Stephen Hawking (Samay Ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
कोई भी घटना एक संयोग है जो आकाश में किसी विशेष बिन्दु पर और किसी विशेष काल पर घटित होती है।
Stephen Hawking (Samay Ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
काल दिक् से पूर्णतः पृथक् एवं स्वतन्त्र इकाई नहीं है, अपितु दोनों मिलकर संयुक्त रूप से दिक्-काल (space-time) बनाते हैं।
Stephen Hawking (Samay Ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
व्यापार से जुड़े आधुनिक लोग और वकील शक्तिशाली ओझा हैं। उनमें और आदिवासी ओझाओं में प्रमुख अन्तर यह है कि आधुनिक वकील विचित्रतम क़िस्से सुनाते हैं।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
ईसाइयत या फ़्रांसीसी क्रान्ति के अभ्युदय को समझने के लिए जीन, हार्मोन्स या जीवों की अन्तर्क्रिया को समझ लेना भर काफ़ी नहीं है। धारणाओं, छवियों और फ़न्तासियों को भी ध्यान में रखना ज़रूरी है।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
अन्य सामाजिक प्राणियों का व्यवहार काफ़ी हद तक उनके जीन से निर्धारित होता है। डीएनए कोई तानाशाह नहीं है। प्राणियों का व्यवहार पर्यावरण सम्बन्धी कारकों और वैयक्तिक विशिष्टताओं से भी प्रभावित होता है।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
आज भले ही ज़रूरत से ज़्यादा भरे रेफ्रिज़रेटरों के साथ गगनचुम्बी अपार्टमेंट्स में रहते हों, लेकिन हमारे डीएनए अभी भी घास के मैदान (सवाना) में ही रहते हैं। इसी के कारण हम समूचा बेन ऐंड जेरी ठूँस कर उसके ऊपर से भारी-भरकम कोक भी गटक लेते हैं।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
व्यापार बिना भरोसे के क़ायम नहीं रह सकता और अजनबियों पर भरोसा करना बहुत मुश्किल होता है। आज का वैश्विक व्यापारिक नेटवर्क डॉलर, फ़ेडरल रिज़र्व बैंक और कॉर्पोरेशनों के प्रतीकात्मक ट्रेडमार्क्स जैसी कल्पित चीज़ों से जुड़े हमारे विश्वास पर आधारित है।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
आदिवासी समाज के दो अजनबी जब व्यापार करना चाहते हैं, तो वे अक्सर एक साझा ईश्वर, मिथकीय पूर्वज या किसी प्रतीकात्मक पशु के नाम पर आपसी भरोसा विकसित करते हैं। अगर आदिम सेपियन्स ने इस तरह की कल्पनाओं पर विश्वास करते हुए सीपियों और ऑब्सीडियन का व्यापार किया था, तो यह बात तर्कसंगत लगती है कि उन्होंने जानकारियों का आदान-प्रदान भी किया होगा।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
वही सिद्धान्त एक अच्छा सिद्धान्त माना जाता है जो दो आवश्यकताओं की पूर्ति करता हो : एक तो यह कि वह उन बहुत सारी श्रेणी के प्रेक्षणों का सही-सही आकलन करे जो उस मॉडल के आधार पर किए गए हों तथा जिसमें नियम-बन्धन से मुक्त स्वेच्छाचारी तत्त्व बहुत ही थोड़े से हों। दूसरे, वह भविष्य के प्रेक्षणों के परिणामों का निश्चित पूर्वानुमान प्रस्तुत करे।
Stephen Hawking (Samay Ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
अतीत में यह बात निश्चित रूप से सच रही है कि जिसे हम बौद्धिकता और वैज्ञानिक खोज कहते हैं, उसे उत्तरजीविता का लाभ रहा है। यह बहुत स्पष्ट नहीं है कि क्या अभी भी यही स्थिति है; हमारी वैज्ञानिक खोजें हम सभी को पूर्णतया नष्ट कर सकती हैं, और यदि वे नहीं भी करती हैं, तो भी पूर्ण एकीकृत सिद्धान्त हमारे भविष्य में जीवित रहने के अवसरों में कोई विशेष अन्तर नहीं डाल पाएगा।
Stephen Hawking (Samay Ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
पिछले 200 वर्ष, जिनके दौरान सेपियन्स निरन्तर बढ़ती हुई तादाद में मज़दूरों और कार्यालयीन कर्मचारियों के रूप में काम करते हुए अपना रोज़मर्रा भोजन जुटाते रहे, और उसके पहले के 10,000 वर्ष, जिनके दौरान ज़्यादातर सेपियन्स ने खेतिहरों और चरवाहों के रूप में अपना जीवन बिताया, वे सारे वर्ष उन दसियों हज़ारों सालों के मुक़ाबले में पलक झपकने की अवधि जैसे हैं, जिनके दौरान हमारे पूर्वजों ने शिकार और संग्रह किया था।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
कुछ समाजों ने एक ऐसी केन्द्रीय वस्तु-विनिमय व्यवस्था स्थापित कर इस समस्या का हल निकालने की कोशिश की, जो विशेषज्ञ किसानों और निर्माताओं से वस्तुएँ ख़रीदती थी और फिर वस्तुओं को उन लोगों में वितरित कर देती थी, जिन्हें उनकी ज़रूरत होती थी। इस तरह का सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध प्रयोग सोवियत संघ में किया गया था और वह दर्दनाक ढंग से नाक़ामयाब रहा था। “हर कोई अपनी योग्यताओं के मुताबिक़ काम करेगा और अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ चीज़ें प्राप्त करेगा” के निर्णय का व्यावहारिक हश्र यह हुआ कि “हर कोई जितना बन पड़ेगा, उतना कम काम करेगा और जितना ज़्यादा से ज़्यादा हथिया सकेगा उतना हासिल करेगा”।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
तू है गगन विस्तीर्ण तो मैं एक तारा क्षुद्र हूँ। तू है महासागर अगम, मैं एक धारा क्षुद्र हूँ॥ तू है महानद तुल्य तो मैं एक बूँद समान हूँ। तू है मनोहर गीत तो मैं एक उसकी तान हूँ॥
Shyam Chandra Kapoor (Hindi Sahitya Ka Itihas (Hindi))
Farm employees, their families, and consumers are protected from dangerous and persistent Organic Products found on the farm and in food, as well as in the land they work and play on, the air they breathe, and the water they drink, by using organic products. Children are particularly vulnerable to pollutants. As a result of the formation of organic food and feed items into the marketplace, parents may simply select products that are free of these chemicals. Hair Care Product Natural grown foods are higher in minerals like Vitamin C, iron, magnesium, and phosphorus, but have lower amounts of nitrates and pesticide residues when compared to conventionally grown foods, according to mounting data. Taking care of it properly is one of the simplest promoting short - to - medium healing processes and brightness. Organic Skin Care products, in particular, combine essential vitamins, herbs, and minerals to cure and regenerate our skin while causing the least amount of environmental damage. How do reduce hair fall so I stop my hair from falling out? These natural skincare companies are dedicated to altering the beauty industry's standards for products that are beneficial both to us and the environment for hair growth which oil is best. We admire their commitment to maximum potency, freshness, and complete purity! In Ayurveda, bhringraj oil is a natural treatment for restoring the look of fine wrinkles (Ayurvedic medicine medicine). Bhringraj oil is often used to increase hair growth, gloss, softness, and strength and is thought to prevent undesired greying and hair growth. Ayurvedic practitioners also advise consuming bhringraj oil orally to treat everything from heart disease and respiratory issues to neurological and liver issues. You're not sure which soap is best for dry skin. Sensitive skin is difficult to deal with. Which is the best soap for dry skin patients may notice tightness and pallor even in the summer, so forget about winter dryness! Warm showers, as well as unsuitable soap, such as aloe vera, Aloe vera face mist, for example, could aggravate the issue. You can apply an after-shower lotion and emollients to keep your skin hydrated. Contact us: Arendelle Organics NRK BizPark, Behind C21 Mall, Scheme 54 PU4, Indore, Madhya Pradesh, India 8109099301 care@arendelleorganics.com
Arun (Prachin Bharat Ka Prachann Itihas)
अधखुली आँखें अनासक्त अवस्था को दर्शाती है और इसी अवस्था को दिखाने के लिए बुद्ध की आँखें अधखुली दिखाई जाती है।
राजेंद्र प्रसाद सिंह (प्राचीन भारत का बौद्ध इतिहास (Pracheen Bharat ka Boddha Itihas) (Hindi Edition))
भारत को पहली महिला शासक देने का श्रेय बुद्धिस्ट भारत को है।
राजेंद्र प्रसाद सिंह (प्राचीन भारत का बौद्ध इतिहास (Pracheen Bharat ka Boddha Itihas) (Hindi Edition))
इस आधार पर सिर से नाभि तक का भाग, जो शिव से संबद्ध होता है, आध्यात्मिक होता है, नाभि से नीचे का भाग, जो शक्ति से संबंध है, लौकिक होता है।
Kamal Bhardwaj (PRACHIN EVAM MADHYAKALEEN BHARAT KA ITIHAS (Hindi Edition))
पान को नाग लता या नाग वल्लरी भी कहते हैं।
राजेंद्र प्रसाद सिंह (प्राचीन भारत का बौद्ध इतिहास (Pracheen Bharat ka Boddha Itihas) (Hindi Edition))
तांबे के रंग के आधार पर इसका नाम तांबूल किया।
राजेंद्र प्रसाद सिंह (प्राचीन भारत का बौद्ध इतिहास (Pracheen Bharat ka Boddha Itihas) (Hindi Edition))
यह सही है कि ईश्वर नहीं है, लेकिन यह बात मेरे नौकर को मत कहना, नहीं तो वह रात में मेरी हत्या कर देगा”।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
बुद्धकाल के गाँव उरुवेला
राजेंद्र प्रसाद सिंह (प्राचीन भारत का बौद्ध इतिहास (Pracheen Bharat ka Boddha Itihas) (Hindi Edition))
बजाय इसके कि एक निवेशक किसी एक डूबते जहाज़ पर अपने पैसे को दाँव पर लगाता, ये ज्वाइंट-स्टॉक कम्पनियाँ बहुत सारे निवेशकों से पैसा इकट्ठा करती थीं, जिससे हर निवेशक को अपनी पूँजी का एक छोटा-सा हिस्सा ही जोख़िम में डालना होता था। इस तरह जोख़िमों को कम कर दिया गया, लेकिन मुनाफ़ों की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं की गई। यहाँ तक कि एक सही जहाज़ पर किया गया छोटा-सा निवेश भी आपको लखपति बना सकता था।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
दूसरा जवाब यह है कि हमें सिर्फ़ थोड़े-से और धीरज की ज़रूरत है - स्वर्ग, जिसका आश्वासन पूँजीपतियों ने दिया है, बहुत क़रीब है। यह सही है कि ग़लतियाँ हुई हैं, जैसे कि अटलांटिक ग़ुलाम व्यापार और यूरोपीय कामगार वर्ग का शोषण, लेकिन हम सीख ले चुके हैं और अगर हम थोड़ा-सा इन्तज़ार और कर लें और कचौड़ी को थोड़ा और बड़ा होने की गुंजाइश दें, तो हर किसी को उसका ज़्यादा मोटा टुकड़ा हासिल होगा। मुनाफ़े का बँटवारा निष्पक्ष कभी नहीं होगा, लेकिन इतना कुछ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगा कि हर मर्द, औरत और बच्चा सन्तुष्ट होगा - कांगो तक में।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
अगर आप उदासी को उस उदासी के मिट जाने की तृष्णा से मुक्त होकर अनुभव करते हैं, तो आप उदासी तो अनुभव करते रहेंगे, लेकिन उसकी पीड़ा नहीं भोगेंगे।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
तस्मानिया को लीजिए, जो दक्षिण ऑस्ट्रेलिया का एक मझोले आकार का द्वीप है। लगभग ईसा पूर्व 10,000 साल पहले जब हिम युग के अंत ने समुद्र के स्तर को ऊँचा उठा दिया था, तब यह द्वीप ऑस्ट्रेलिया के मुख्य भू-भाग से कट गया था। कुछ हज़ार शिकारी-भोजन-खोजी इस द्वीप पर छूट गए थे और उन्नीसवीं सदी में यूरोपीय लोगों के आगमन के समय तक उनका किन्हीं भी दूसरे मनुष्यों से कोई सम्पर्क नहीं था। 12,000 सालों तक कोई भी नहीं जानता था कि तस्मानियाई वहाँ रहते थे और वे यह नहीं जानते थे कि दुनिया में किसी और का भी अस्तित्व था। उनके अपने युद्ध थे, राजनैतिक संघर्ष थे, सामाजिक हलचलें थीं और राजनैतिक घटनाएँ थीं। तब भी जहाँ तक चीन के सम्राटों या मेसोपोटामिया के शासकों का प्रश्न था, तस्मानिया उनके लिए बृहस्पति के किसी चन्द्रमा पर स्थित मुल्क़ जैसा था। तस्मानियाई अपनी ही दुनिया में रहते थे। अमेरिका और यूरोप भी अपने ज़्यादातर इतिहासों के दौरान दो अलग दुनियाएँ थीं। 378 ईसवी में रोमन सम्राट वालेंस, एड्रियनोपल के युद्ध में गोथों के हाथ पराजित होकर मारा गया था। उसी साल तिकाल का राजा चक टोक इचाक, तियोतिआकन की सेना के हाथों पराजित होकर मारा गया। (तिकाल एक महत्त्वपूर्ण माया नगर राज्य था, जबकि तियोतिआकन उस समय का अमेरिका का सबसे बड़ा नगर था, जिसकी आबादी 250,000 थी - परिमाण में उतना ही बड़ा जितना उसका समकालीन रोम था)। रोम की पराजय और तियोतिआकन के अभ्युदय के बीच किसी तरह का कोई सम्बन्ध नहीं था। दोनों एक दूसरे के लिए इस क़दर अज्ञात थे कि तियोतिआकन के लिए रोम मंगल ग्रह पर अवस्थित होने जैसा था और रोम के लिए तियोतिआकन शुक्र पर।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
एंडियाई दुनिया 1532 में उस वक़्त ढह गई, जब स्पेनी विजेता ने इंका साम्राज्य को कुचल दिया। पहले यूरोपीय लोगों ने ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप पर 1606 में क़दम रखा और जब 1788 में अँग्रेज़ उपनिवेशीकरण की ज़ोरदार शुरुआत हुई, तो उस अक्षत दुनिया का अन्त हो गया। पन्द्रह साल बाद अँग्रेज़ों ने तस्मानिया में अपनी पहली बस्ती बसाई और इस तरह मनुष्यों की अन्तिम स्वायत्त दुनिया को अफ़्रो-एशियाई प्रभाव-क्षेत्र के अधीन कर लिया।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
इतिहास की सामान्य दिशा को समझने का सबसे अच्छा तरीक़ा मनुष्य की उन स्वतन्त्र दुनियाओं की गिनती करना है, जो किसी भी प्रदत्त क्षण में पृथ्वी पर मौजूद रही हैं। आज हम समूचे ग्रह को एक एकल इकाई के रूप में समझने के अभ्यस्त हो गए हैं, लेकिन इतिहास के अधिकांश दौर में पृथ्वी वस्तुतः मनुष्यों की अलग-थलग दुनियाओं का जमावड़ा हुआ करती थी।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
दशकों तक अल्यूमीनियम सोने के मुक़ाबले बहुत महँगा हुआ करता था। 1860 में फ़्रांस के सम्राट नेपोलियन III ने अपने अत्यन्त विशिष्ट मेहमानों की दावत में इस्तेमाल किए जाने के लिए अल्यूमीनियम के छुरी-काँटे तैयार करवाए थे। दावत में शामिल कम महत्त्वपूर्ण मेहमानों को सोने के छुरी-काँटों से काम चलाना पड़ा था,लेकिन उन्नीसवीं सदी के अन्त में रसायनशास्त्रियों ने सस्ते ढंग से अल्यूमीनियम के अयस्क से अल्यूमीनियम की विपुल मात्रा को निकालने का तरीक़ा ढूँढ़ निकाला, और आज अल्यूमीनियम का वैश्विक उत्पादन सालाना 300 लाख टन है। नेपोलियन III को यह सुनकर आश्चर्य होता कि उसकी प्रजा के वंशज सैंडविचों को लपेटने और उनकी जूठन को लपेटकर फेंकने के लिए सस्ती डिस्पोज़ेबल अल्यूमीनियम पन्नियों का इस्तेमाल करते हैं।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
इस सिद्धान्त की वास्तविकता कम से कम 1950 के दशक से ज्ञात रही है, जब अमेरिकी मनोविज्ञानी हैरी हार्लो ने बन्दरों के विकास का अध्ययन किया था। हार्लो ने शिशु बन्दरों को उनके जन्म के बाद उनकी माताओं से कई घण्टों तक अलग रखा। इन शिशु बन्दरों को एक पिंजरे में बन्द रखा, और फिर नक़ली माताओं के माध्यम से पालन-पोषण कराया। हार्लो ने हर पिंजरे में दो नक़ली माताओं को रखा। एक धातु के तारों से निर्मित थी और उसमें दूध की बोतल फ़िट की गई थी, जिससे शिशु बन्दर दूध पी सकता। दूसरी लकड़ी से निर्मित और कपड़े से ढँकी थी, जिससे वह असली बन्दर माँ जैसी दिखती थी, लेकिन यह शिशु बन्दर को किसी भी तरह का भौतिक पोषण उपलब्ध नहीं कराती थी। कल्पना की गई थी कि शिशु बिना दूध वाली माँ के बजाय धातु से निर्मित पोषण उपलब्ध कराने वाली माँ से लिपटेंगे। हार्लो को यह देखकर हैरानी हुई कि शिशु बन्दरों ने कपड़े से बनी माँ के प्रति उल्लेखनीय प्राथमिकता दर्शाई, और उसी के साथ उन्होंने अपना ज़्यादातर वक़्त बिताया। जब दोनों माताओं को पास-पास रख दिया गया, तब शिशु उस वक़्त भी कपड़े की माँ को थामे रहे, जिस वक़्त वे धातु की माँ का दूध पी रहे थे। हार्लो को लगा कि शिशुओं को शायद ठण्ड लग रही हो और इसलिए वे वैसा कर रहे हों। इसलिए उन्होंने तारों से निर्मित माँ में एक बिजली का बल्ब फ़िट कर दिया, जो अब गर्मी पैदा कर रहा था। बहुत छोटे शिशुओं को छोड़कर ज़्यादातर शिशु कपड़े वाली माँ के पास ही बने रहे।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
तब क्या होता है, जब कोई किसान किसी बछिया को उसकी माँ से अलग कर उसे एक पिंजरे में बन्द कर देता है, उसे भोजन, पानी और बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगवाता है, और जब वह पर्याप्त वयस्क हो जाती है, तो बैल के शुक्राणु से उसका गर्भाधान कर देता है? वस्तुपरक दृष्टि से अब इस बछिया को अपने जीवित बने रहने और प्रजनन के लिए ना तो मातृत्व के साथ की ही कोई ज़रूरत रह गई है, ना उसके साथ खेलने वालों की, लेकिन आत्मपरक दृष्टि से यह बछिया अभी भी अपनी माँ के साथ रहने और दूसरे बछड़ों के साथ खेलने की प्रबल इच्छा महसूस करती है। अगर ये इच्छाएँ पूरी नहीं होतीं, तो वह अत्यंत पीड़ा झेलती है। विकासवादी मनोविज्ञान की यह एक बुनियादी सीख है : जिस ज़रूरत ने नैसर्गिक वातावरण में रूप लिया होता है, वह आत्मपरक स्तर पर निरन्तर महसूस होती रहती है, भरे ही वह जीवित बने रहने या प्रजनन के लिए आवश्यक ना रह गई हो। औद्योगिक कृषि की त्रासदी यह है कि यह पशुओं की वस्तुपरक ज़रूरतों का तो बहुत ख़याल रखती है, जबकि उनकी आत्मपरक ज़रूरतों को नज़रअन्दाज़ करती है।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
क्लर्कों और कारख़ानों के मज़दूरों का पेट भरने के लिए काफ़ी थी। आज संयुक्त राज्य अमेरिका में आबादी का मात्र 2 प्रतिशत हिस्सा खेती से अपना जीवनयापन करता है, तब भी यह 2 प्रतिशत हिस्सा ना सिर्फ़ संयुक्त राज्य अमेरिका की समूची आबादी का पेट भरने के लिए काफ़ी है, बल्कि अतिरिक्त उत्पादन का बाक़ी दुनिया के लिए निर्यात करता है। कृषि के औद्योगिकीकरण के बग़ैर नगरीय औद्योगिक क्रान्ति कभी घटित ही ना हुई होती - कारख़ानों और दफ़्तरों में काम करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी और दिमाग़ ही ना होते।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
कभी-कभी आपको ट्रीट की ज़रूरत होती है। कभी-कभी आपको थोड़ी-सी अतिरिक्त ऊर्जा की ज़रूरत होती है। कभी-कभार तो आपको अपने वज़न पर नज़र रखनी होती है और कभी आपको कुछ ना कुछ खाना ही चाहिए…जैसे ठीक अभी! थेल्मा सिर्फ़ आपके लिए पेश करता है कई तरह के स्वादिष्ट सीरियल - मस्त ट्रीट्स।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
कम थी जितनी वह एक औसत वाओरानी, अरावेते या यानोमामो की थी। वाओरानी, अरावेते और यानोमामो मूल निवासी हैं, जो किसी सेना, पुलिस या जेलों के बिना अमेज़ॉन के जंगल की गहराइयों में रहते हैं। मानविकीय अध्ययनों ने संकेत किया है कि इनके एक चौथाई से लेकर आधे मर्द आगे-पीछे सम्पत्ति, औरतों या प्रतिष्ठा के मुद्दों पर होने वाली तकरारों में मारे जाते हैं।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
पारिवारिक व्यवसाय में काम करते थे। परिवार तब कल्याणकारी व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था, निर्माण उद्योग, ट्रेड यूनियन, पेंशन फ़ंड, इंश्योरेंस कम्पनी, रेडियो, टेलिविज़न, अख़बार, बैंक यहाँ तक कि पुलिस की भूमिका भी निभाता था।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
सिर्फ़ बालिग मर्दों को ही नहीं, बल्कि औरतों और बच्चों को भी व्यक्तियों के रूप में मान्यता प्राप्त है। ज़्यादातर इतिहास के दौरान औरतों को अक्सर परिवार या समुदाय की सम्पत्ति के रूप में देखा जाता था। दूसरी ओर, आधुनिक राज्य औरतों को अपने परिवार और समुदाय से स्वतन्त्र आर्थिक और क़ानूनी अधिकारों का उपभोग करते व्यक्तियों के रूप में देखते हैं। वे अपना ख़ुद का बैंक खाता खोल सकती हैं, इस बात का फ़ैसला कर सकती हैं कि उन्हें किससे शादी करनी है, यहाँ तक कि तलाक़ लेने या अकेले जीवनयापन करने का चयन कर सकती हैं। लेकिन व्यक्ति की इस मुक्ति के लिए एक क़ीमत चुकानी पड़ी है। हममें से बहुत-से लोग सशक्त परिवारों और समुदायों के लोप पर विलाप करते हैं तथा हमारे जीवन पर अवैयक्तिक राज्य और बाज़ार के नियन्त्रण की वजह से अलगाव और जोख़िम महसूस करते हैं। अपने में अलग-थलग व्यक्तियों से निर्मित राज्य और बाज़ार अपने सदस्यों के जीवन में सशक्त परिवारों और समुदायों से निर्मित राज्यों और बाज़ारों के मुक़ाबले ज़्यादा आसानी से दख़लन्दाज़ी कर सकते हैं। जब किसी गगनचुम्बी अपार्टमेंट में रहने वाले पड़ोसी आपस में इस बात तक पर एकमत नहीं हो सकते कि वे अपने चौकीदार को कितना भुगतान करें, तब हम उनसे राज्य को प्रतिरोध देने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
सिर्फ़ बालिग मर्दों को ही नहीं, बल्कि औरतों और बच्चों को भी व्यक्तियों के रूप में मान्यता प्राप्त है। ज़्यादातर इतिहास के दौरान औरतों को अक्सर परिवार या समुदाय की सम्पत्ति के रूप में देखा जाता था। दूसरी ओर, आधुनिक राज्य औरतों को अपने परिवार और समुदाय से स्वतन्त्र आर्थिक और क़ानूनी अधिकारों का उपभोग करते व्यक्तियों के रूप में देखते हैं। वे अपना ख़ुद का बैंक खाता खोल सकती हैं, इस बात का फ़ैसला कर सकती हैं कि उन्हें किससे शादी करनी है, यहाँ तक कि तलाक़ लेने या अकेले जीवनयापन करने का चयन कर सकती हैं। लेकिन व्यक्ति की इस मुक्ति के लिए
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
यह हमारी तरह की कहानी नहीं है। हम शोषितों-दलितों को जीतते हुए देखना पसन्द करते हैं, लेकिन इतिहास में कोई न्याय नहीं होता। अतीत की ज़्यादातर संस्कृतियाँ आगे-पीछे किसी बेरहम साम्राज्य की सेनाओं की शिकार हुई हैं, जिसने उन्हें गुमनामी के अँधेरों में धकेल दिया। साम्राज्यों का भी अन्ततः पतन होता है, लेकिन वे अपने पीछे अक्सर एक समृद्ध और टिकाऊ विरासत छोड़ जाते हैं। इक्कीसवीं सदी के लगभग सारे समाज किसी ना किसी साम्राज्य की सन्तानें हैं।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
नूमान्तिया पर रोम की जीत इतनी सम्पूर्ण थी कि विजेताओं ने पराजितों की स्मृति तक को अपना बना लिया।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
पैसा दो सार्वभौमिक सिद्धान्तों पर आधारित है : क. सार्वभौमिक परिवर्तनीयता : पैसे को एक कीमियागर के रूप में बरतते हुए उसकी मदद से आप ज़मीन को वफ़ादारी, न्याय को स्वास्थ्य और हिंसा को ज्ञान में बदल सकते हैं। ख. सार्वभौमिक भरोसा : पैसे को एक मध्यस्थ के रूप में बरतते हुए उसकी मदद से कोई भी दो लोग किसी भी मुहिम में आपस में सहयोग कर सकते हैं।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
नूमान्तियाई सेल्टिक भाषा बोलते थे, जो अब मर चुकी है और लुप्त हो चुकी है। सर्वान्तीस ने द सीज़ ऑफ नूमान्तिया नाटक लैटिन लिपि में लिखा था और यह नाटक ग्रीको-रोमन कलात्मक आदर्शों का अनुसरण करता है। नूमान्तिया की कोई नाट्य कलाएँ नहीं थीं। नूमान्तियाई वीरता की सराहना करने वाले स्पेनी देशभक्त आम तौर से रोमन कैथोलिक चर्च (इसमें पहले शब्द को नज़रअन्दाज़ ना करें) के भी वफ़ादार अनुयायी होते हैं - वह चर्च, जिसके मुखिया का सिंहासन अभी भी रोम में है और जिसका ईश्वर लैटिन में सम्बोधित किया जाना पसन्द करता है। इसी तरह, आधुनिक स्पेनी विधि (लॉ) की उत्पत्ति रोमन विधि में है, स्पेनी राजनीति रोमन बुनियादों पर खड़ी है और स्पेनी पाककला और स्थापत्य आइबेरिया के सेल्टों की विरासत से कहीं ज़्यादा रोमन विरासतों की ऋणी है।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
साझा मिथक में विश्वास करते हुए बड़ी संख्या में अजनबी सफलतापूर्वक परस्पर सहयोग कर सकते हैं।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
मनुष्यों की साझा कल्पना के बाहर विश्व में कोई देवता नहीं हैं, कोई राष्ट्र, कोई पैसा, कोई मानव अधिकार, कोई क़ानून और कोई न्याय नहीं है।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
कोक भी गटक लेते हैं। ‘भोजन ठूँसने के जीन’ की यह परिकल्पना व्यापक तौर पर मान्य है। दूसरी परिकल्पनाएँ कहीं ज़्यादा विवादास्पद हैं। उदाहरण के लिए कुछ विकासवादी मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि प्राचीन युग के भोजन-खोजी समूहों में एक पति-पत्नी युगलों पर केन्द्रित छोटे परिवार नहीं होते थे। इसके बजाय, भोजन-खोजी लोग निजी सम्पत्ति, एकल पति-पत्नी सम्बन्धों और पितृत्व से वंचित समुदायों में रहते थे।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
मधुमक्खियों को वकीलों की ज़रूरत नहीं पड़ती क्योंकि इस बात का कोई ख़तरा नहीं है कि वे सफ़ाईकर्मी मधुमक्खियों को जीवन, स्वतन्त्रता और सुख की खोज के उनके हक़ों से वंचित करते हुए छत्ते के निर्माण में बाधा डालने की कोशिश कर सकती हैं।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
अगर हिन्दुस्तान में अँग्रेज़ों के राज के दौरान एक अछूत, एक ब्राह्मण, एक कैथोलिक आयरिश व्यक्ति और एक प्रोटेस्टेंट अँग्रेज़ किसी तरह बिलकुल एक-सी व्यापारिक सूझबूझ विकसित कर लेते, तब भी उन्हें अमीर बनने के समान अवसर उपलब्ध नहीं होते। आर्थिक खेल की फ़िक्सिंग सरकारी प्रतिबन्धों और अनधिकृत रुकावटों के माध्यम से होती थी।
Yuval Noah Harari (Sapiens: Manav Jati ka Sankshipt Itihas (Hindi Edition))
यह सही है कि मुट्ठी भर स्त्रियों ने अपनी प्रमुख हैसियत बनाई है, जैसे कि मिस्र की क्लियोपेट्रा, चीन की साम्राज्ञी वू ज़ेतियन (700 ईसवी) और इंग्लैंड की एलिज़ाबेथ प्रथम, लेकिन ये ऐसे अपवाद हैं, जिनसे सामान्य स्थिति पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। एलिज़ाबेथ के समूचे पैंतालीस वर्षीय शासन काल के दौरान संसद के सारे सदस्य पुरुष थे, शाही नौसेना और सेना के सारे अधिकारी पुरुष थे, सारे वकील और न्यायाधीश पुरुष थे, सारे बिशप और आर्चबिशप पुरुष थे, सारे डॉक्टर और शल्य चिकित्सक पुरुष थे, सारे विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के सारे छात्र और प्रोफ़ेसर पुरुष थे, सारे मेयर और ज़िलों के हाकिम पुरुष थे और लगभग सारे लेखक, वास्तुविद्, कवि, दार्शनिक, चित्रकार, संगीतकार और वैज्ञानिक पुरुष थे।
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पुरुष, ख़ास तौर से लगातार अपने पुरुषत्व के दावे से वंचित हो जाने के ख़ौफ़ में रहते हैं। समूचे इतिहास के दौरान पुरुष महज़ इसलिए कि लोग यह कहें कि ‘वह एक असल मर्द है’ अपनी ज़िन्दगी तक का बलिदान करने का जोख़िम उठाने को तैयार रहे हैं।
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हम इन वास्तविकताओं को स्वतःसिद्ध मानते हैं कि सारे मनुष्यों की रचना उन्हें समान मानकर की गई है, उनके सृजनकर्ता ने उन्हें कुछ ख़ास अन्तर्निहित अधिकार प्रदान किए हैं। इनमें जीवन, स्वतन्त्रता और सुख की खोज के अधिकार शामिल हैं।
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अरस्तू का तर्क था कि ग़ुलामों की ‘ग़ुलाम प्रकृति’ होती है, जबकि स्वतन्त्र लोगों की ‘स्वतन्त्र प्रकृति’ होती है। समाज में उनकी हैसियत उनकी जन्मजात प्रकृति का प्रतिबिम्ब मात्र है।
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-व्यवस्था का पालन करने वाले हिन्दुओं का विश्वास है कि दैवीय शक्तियों ने ही एक जाति को दूसरी जाति से श्रेष्ठ बनाया है। हिन्दुओं की एक प्रसिद्ध सृष्टि-कल्पना के अनुसार देवताओं ने पुरुष नामक एक आद्य सत्ता की काया से दुनिया की रचना की थी। सूर्य की रचना पुरुष के नेत्र, चन्द्रमा की रचना पुरुष के मस्तक, ब्राह्मणों की रचना उसके मुख, क्षत्रियों की रचना उसकी भुजाओं, वैश्यों की रचना उसकी जंघाओं और शूद्रों की रचना उसके पैरों से हुई। इस व्याख्या को स्वीकार करते ही ब्राह्मणों और शूद्रों के बीच के फ़र्क़ उतने ही स्वाभाविक और शाश्वत हैं, जितना फ़र्क़ सूर्य और चन्द्रमा के बीच है। प्राचीन चीनियों का मानना था कि जब देवी नू वा ने मिट्टी से मनुष्यों की रचना की, तो उसने कुलीनों को चिकनी पीली मिट्टी से गूँथा, जबकि सामान्य जनों को भूरे कीचड़ से गढ़ा गया।
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ओसामा बिन लादेन अमेरिकी संस्कृति, अमेरिकी धर्म और अमेरिकी राजनीति के प्रति अपनी सारी नफ़रत के बावजूद अमेरिकी डॉलर्स से बहुत प्रेम करता था। जहाँ देवता और सम्राट नाक़ामयाब रहे, वहाँ पैसे ने किस तरह क़ामयाबी हासिल की?
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होमो सेपियन्स ने सबसे ऊपर
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होमो सेपियन्स ने सबसे ऊपर अपनी अनूठी भाषा की वजह से दुनिया पर विजय प्राप्त की है।
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भोजन-खोजियों ने भविष्य को ख़ारिज़ कर रखा था, क्योंकि वे तंगी की हालत में रहते थे और उन्हें अपने भोजन को परिरक्षित करके रखने या सामान जमा करने में कठिनाई होती थी।
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एक आसान ज़िन्दगी की मानव जाति की खोज ने परिवर्तन के ऐसे अपरिमित बल को उत्पन्न किया, जिसने दुनिया को इस तरह बदल कर रख दिया,
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खेतों में काम करने के लिए अतिरिक्त हाथों की बुरी तरह ज़रूरत थी, लेकिन अतिरिक्त मुँह अतिरिक्त भोजन को जल्दी ही चाट जाते थे, इसलिए और ज़्यादा खेतों को उगाना ज़रूरी हो गया।
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भाई-बहनों से बढ़ती गई, वैसे-वैसे बाल-मृत्यु दर में वृद्धि होती गई। ज़्यादातर कृषक समाजों में हर तीन में से एक बच्चा बीस साल की उम्र तक पहुँचने के पहले ही मर जाता था।
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हम इन वास्तविकताओं को स्वतःसिद्ध मानते हैं कि सारे मनुष्य भिन्न तरह से विकसित हुए हैं। वे कुछ निश्चित परिवर्तनीय चारित्रिकताओं के साथ जन्मे हैं। इनमें जीवन और आनन्द की खोज की चारित्रिकताएँ शामिल हैं।
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बचाव करना होता, तो वह ठीक इसी तर्क का इस्तेमाल कर सकता था : “मैं जानता हूँ कि श्रेष्ठ जन, सामान्य जन और ग़ुलाम जन्मजात रूप से भिन्न लोग नहीं हैं, लेकिन अगर हम ऐसा मान लेते हैं कि वे जन्मजात रूप से भिन्न हैं, तो इससे हम एक सन्तुलित और समृद्ध समाज की रचना कर सकेंगे”।
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जो सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध हैं : 1776 ईसा पूर्व का द कोड ऑफ़ हम्मूराबी, जिसने सैकड़ों हज़ारों की संख्या में प्राचीन बेबिलोनियाइयों के लिए सहकार नियमावली की भूमिका निभाई थी और 1776 ईसवी की द अमेरिकन डिक्लेयरेशन ऑफ़ इंडिपेंडेंस, जो आज भी लाखों आधुनिक अमेरिकी लोगों के लिए सहकार नियमावली की भूमिका निभाती है।
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हमारे लिए यह स्वीकार करना आसान है कि ‘श्रेष्ठ जनों’ और ‘सामान्य जनों’ के बीच लोगों का विभाजन एक मनगढ़न्त बात है। तब भी यह धारणा कि सारे मनुष्य समान हैं, एक मिथक भी है। आख़िर किस अर्थ में सारे मनुष्य एक दूसरे से समान होते हैं? क्या मनुष्य की कल्पना से बाहर या परे कोई ऐसी वस्तुपरक वास्तविकता है, जहाँ हम सचमुच समान हैं? क्या सारे मनुष्य जैविक रूप से एक दूसरे के समान हैं? हम अमेरिकी स्वाधीनता घोषणा-पत्र की सबसे प्रसिद्ध पंक्ति का जीव-विज्ञान की पदावली में अनुवाद करके देखते हैं :
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हम इन वास्तविकताओं को स्वतःसिद्ध मानते हैं कि सारे मनुष्यों का सृजन समान रूप से हुआ है। उनके सृजनकर्ता ने उन्हें कुछ ख़ास अन्तर्निहित अधिकार प्रदान किए हैं। इनमें जीवन, स्वतन्त्रता और सुख की खोज के अधिकार शामिल हैं।
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उदाहरण के लिए, मोहम्मद पैग़म्बर ने अपने मज़हबी जीवन की शुरुआत अपने हमवतन अरबों की इस बात के लिए भर्त्सना करते हुए की थी कि वे दैवीय सत्य को लेकर अज्ञानता में डूबे हैं, लेकिन स्वयं मोहम्मद ने बहुत जल्दी ही यह तर्क देना शुरू कर दिया कि वे सम्पूर्ण सत्य को जानते हैं, और उनके अनुयायियों ने उन्हें ‘द सील ऑफ़ द प्रॉफ़ेट’ आख़िरी पैग़म्बर कहना शुरू कर दिया था। इसके बाद से, मोहम्मद को हुए इलहामों से परे किन्हीं अन्य इलहामों की ज़रूरत नहीं रह गई थी।
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क्या है’? और ‘और बेहतर क्या है’? और ये वैज्ञानिक सवाल नहीं हैं। विज्ञान यह समझा सकता है कि दुनिया में किस चीज़ का अस्तित्व है, चीज़ें किस तरह काम करती हैं और भविष्य में क्या हो सकता है। स्वभावतः यह जानने की उसकी कोई महत्त्वाकांक्षाएँ नहीं होतीं कि भविष्य में क्या होना चाहिए। सिर्फ़ मज़हब और विचारधाराएँ ही इस तरह के सवालों के जवाब तलाशते हैं। ज़रा इस असमंजस पर विचार करें : एक ही विभाग के, एक ही तरह की पेशेवर क़ाबिलियतों वाले दो जीव विज्ञानियों ने अपनी ताज़ा अनुसन्धान परियोजनाओं के वास्ते दस लाख डॉलर मंज़ूर किए जाने के लिए आवेदन किया है। प्रोफ़ेसर स्लगहॉर्न उस बीमारी का अध्ययन करना चाहते हैं, जिसका संक्रमण गायों के थनों में होता है, जिसके कारण दूध के उत्पादन में 10 प्रतिशत की कमी आ रही है। प्रोफ़ेसर स्प्राउट इस बात का अध्ययन करना चाहती हैं कि गायों से उनके बछड़ों को अलग कर दिए जाने पर क्या गायों को मानसिक यन्त्रणा झेलनी पड़ती है। अगर यह मान लें कि उपलब्ध पैसे की मात्रा सीमित है और दोनों अनुसन्धान परियोजनाओं को धन मुहैया कराना असम्भव है, तो किस परियोजना के लिए पैसा दिया जाए? इस सवाल का कोई वैज्ञानिक जवाब नहीं है। इसके केवल राजनैतिक, आर्थिक और मज़हबी जवाब हैं। आज की दुनिया में यह ज़ाहिर-सी बात है कि स्लगहॉर्न को पैसा मिलने की ज़्यादा सम्भावनाएँ हैं। इसलिए नहीं कि थनों की बीमारी वैज्ञानिक दृष्टि से गाय की मनःस्थिति के मुक़ाबले ज़्यादा दिलचस्प है, बल्कि इसलिए कि डेरी उद्योग का राजनैतिक और आर्थिक रुतबा पशुओं के हक़ों से जुड़े जनमत से कहीं ज़्यादा है। डेरी उद्योग के इस अनुसन्धान से लाभान्वित होने की सम्भावना है।
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वस्तुतः, जो लोग उस युग से सबसे अच्छी तरह से वाकिफ़ थे - जो उस वक़्त जीवित थे - वे सबसे ज़्यादा अनभिज्ञ थे।
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यह बात कल्पना से परे थी कि बाइबल, कुरान या वेद विश्व के किसी महत्त्वपूर्ण रहस्य को हासिल करने से चूक गए हों - कोई ऐसा रहस्य, जो हाड़-मांस के प्राणियों द्वारा खोजा जाना हो।
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1620 में फ़्रांसिस बैकन ने द न्यू इन्स्ट्रूमेंट नाम से एक वैज्ञानिक घोषणा-पत्र प्रकाशित किया था। इसमें उसने दावा किया था कि ‘ज्ञान शक्ति है’। ‘ज्ञान’ की वास्तविक परीक्षा इसमें नहीं होती कि वह सच है या नहीं, बल्कि इसमें होती है कि वह हमारी सामर्थ्य को बढ़ाता है या नहीं।
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नतीज़तन, सत्य ज्ञान की एक कमज़ोर कसौटी है। उसकी वास्तविक कसौटी है उपयोगिता। ज्ञान की स्थापना उस सिद्धान्त से होती है, जो हमें नया कुछ कर सकने में सक्षम बनाता है।
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कन्फ़्यूशियस, बुद्ध, ईसा और मोहम्मद भौंचक्के रह जाते, यदि आप उनसे यह कहते कि मानव मस्तिष्क को समझने और उसकी बीमारियों का इलाज़ करने के लिए आपको सबसे पहले सांख्यिकी का अध्ययन करना चाहिए।
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एक नारीवादी का क्या होता है? इन सवालों के जवाब मार्क्स, एडम स्मिथ या सिमोन द बोवा के लेखन में खोजना व्यर्थ
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असम्भव है। जो एकमात्र कोशिश हम कर सकते हैं, वह यह है कि जिस दिशा में ये बढ़ रहे हैं, हम उस दिशा को प्रभावित करें। चूँकि हम जल्दी ही अपनी आकांक्षाओं को गढ़ने में भी सक्षम होंगे, इसलिए हमारे सामने खड़ा असली सवाल यह नहीं है कि ‘हम क्या बनना चाहते हैं?’, बल्कि असली सवाल यह है कि ‘हम क्या आकांक्षा करना चाहते हैं?’ जो इस सवाल से डरे हुए नहीं हैं, उन्होंने शायद इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है।
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