“
Was there happiness at the end [of the movie], they wanted to know.
If someone were to ask me today whether the story of Hassan, Sohrab, and me ends with happiness, I wouldn't know what to say.
Does anybody's?
After all, life is not a Hindi movie. Zendagi migzara, Afghans like to say: Life goes on, undmindful of beginning, en, kamyab, nah-kam, crisis or catharsis, moving forward like a slow, dusty caravan of kochis.
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Khaled Hosseini (The Kite Runner)
“
Sejal had not thought of her home, or of India as a whole, as cool. She was dimly aware, however, of a white Westerner habit of wearing other cultures like T-shirts—the sticker bindis on club kids, sindoor in the hair of an unmarried pop star, Hindi characters inked carelessly on tight tank tops and pale flesh. She knew Americans liked to flash a little Indian or Japanese or African. They were always looking for a little pepper to put in their dish.
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Adam Rex (Fat Vampire: A Never Coming of Age Story)
“
I'm happy for you Agastya,you're leaving for a more meaningful context. This place is like a parody, a complete farce, they're trying to build another Cambridge here. At my old University I used to teach Macbeth to my MA English classes in Hindi.English in India is burlesque. But now you'll get out of here to somehow a more real situation. In my time I'd wanted to give this Civil Service exam too, I should have. Now I spend my time writing papers for obscure journals on L. H. Myers and Wyndham Lewis, and teaching Conrad to a bunch of half-wits.
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Upamanyu Chatterjee (English, August: An Indian Story)
“
किसी भी कहानी का असली मज़ा चौंकने और चौंकाने में है और अगर कोई कहानी चौंकाती नहीं है तो वह बंडल है..!
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Gaurav Solanki (ग्यारहवीं-A के लड़के)
“
हम सभी की पहली शादी यूँ ही कभी अकेले में हो जाती है। फालतू में ही हम बैंडबाजे वाली शादी को अपनी पहली शादी बोलते हैं
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Divya Prakash Dubey (मसाला चाय)
“
May magmamahal din sa’yo, huwag mong ipilit. Hindi porke gusto mo, makukuha mo. Hindi porke nakuha mo, gusto ka na.
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”
Taga Imus
“
सिखा न सकी ,जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे , करीब से कुछ चेहरे पढ़े और न जाने कितने सबक सीख लिए।
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”
Surendra Sidar
“
ख़ामोशी, वैसे तो बहुत ठंडा लफ़्ज़ है मगर इसकी तासीर बहुत गर्म होती है।
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Tripurari Kumar Sharma (North Campus (Hindi Edition))
“
But what about the experiences of second-generation kids like us—like feeling ashamed of the lunches our parents packed us because they were too “ethnic”? Or having to translate things for our parents because our English was better than theirs? Or struggling to communicate with our relatives in our home country because our Mandarin/Cantonese/Hindi/Korean/Viet was absolute horseshit?
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Simu Liu (We Were Dreamers: An Immigrant Superhero Origin Story)
“
Would you still write the story of us? Me. You. Arcadian."
Tumango ako habang hawak ang kamay ni Gavin. "It might take a while but I will. That's a promise."
"I might ruin your story."
Ngumiti ako habang nananatili na nakatitig sa papalubog na araw. "You're the reason I want to write it."
"Babes."
"Hmm?"
"Sisingilin na kita."
Bago pa ako muling makasagot, naramdaman kong umalis si Gavin mula sa pag kakahilig sa aking balikat. Lumingon ako sa kanya. Nakatitig siya sa akin saka siya ngumisi, the familiar carefree grin that Gavin was known of. Ngisi na hindi ko alam na huling beses ko ng makikita.
That afternoon, while watching the sunset behind the trees, Gavin kissed me on the lips.
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April Avery
“
Kisi ne Dhul kya jhonki Aankhon me,
Kambakhat Pahle se Behtar dikhne Lga....
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Surendra Sidar
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Ganun ba ang mga bakla magmahalan. Puro etits ang alam. Kung wala bang yarian, hindi ka na ba mahal. Ganun ba ‘yun?
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”
Taga Imus (Sangla (To Pawn))
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मरे हुए की कितनी भी कसम खाओ, कोई फर्क नहीं
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Divya Prakash Dubey (मसाला चाय)
“
मोहब्बत का ख़ुदा अगर कोई है, तो सिर्फ़ मैं ही हूँ।
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”
Tripurari Kumar Sharma (North Campus (Hindi Edition))
“
कुछ रिश्ते कभी नहीं मरते, क्यूँकि उनकी कोई उम्र ही नहीं होती।
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”
Tripurari Kumar Sharma (North Campus (Hindi Edition))
“
लिखना, मेरी सबसे बड़ी मजबूरी है।
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”
Tripurari Kumar Sharma (North Campus (Hindi Edition))
“
इंजीनियरिंग कॉलेज में अगर कोई लड़का नोट्स बनाता है तो उसको सच्चा इंजीनियर नहीं बोला जा सकता। कभी-कभी लगता है अगर कॉलेज में लड़कियाँ ना होतीं तो कभी किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में कोई नोट्स बन ही ना पाता। जैसा हर लड़की के साथ होता है, जैसे-जैसे वो करीब आती है उसकी टोका-टाकी बढ़ जाती है। एक दिन ऐसा भी आता है जब हॉस्टल जाने से पहले वो bye के साथ take care भी बोलने लगती है। सुबह breakfast के लिए उठाने लगती है। पेपर में पहले से ही नोट्स की एक फोटोकॉपी बना के रखती है। ये सभी प्यार/फ्रेंडशिप जैसी चीज के symptom हुआ करते थे, हुआ करते हैं। प्यार लड़के की तरफ से और फ्रेंडशिप लड़की कि तरफ से।
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”
Divya Prakash Dubey (Terms and Conditions Apply)
“
Lahat ng nauna sa akin, gusto mo iyo. ‘Yung laruan kong transformer, akin ‘yun dapat pero napunta sa’yo. Bakit, hindi daw bagay sa akin kasi malamya ako. Kaya, ang binili sa akin, manika. Nakakatawa hindi ba.
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”
Taga Imus (Sangla (To Pawn))
“
It was eventually discovered that Indo-European was the mother of most European languages. And it was then discovered that this was also the mother of non-European languages such as Farsi, Hindi and many others.
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Daniel L. Everett (How Language Began: The Story of Humanity’s Greatest Invention)
“
जब उदास लम्हों की रंगीन तितलियाँ मेरी आँखों में रक़्स करती हैं, तो सीने की वीरानी में अफ़्सानों का एक जंगल उगने लगता है। दरख़्तों की टहनियों पर गाते हुए परिंदों की बोली में मेरे माज़ी के हसीन होंटों की हँसी साफ़ साफ़ सुनी जा सकती है।
”
”
Tripurari Kumar Sharma (North Campus (Hindi Edition))
“
जो भी प्यार पूरे नहीं हो पाते उनको चक्कर ही बोला जाता है न, प्यार पूरे होने का केवल और केवल इतना मतलब है कि आपने जिस लड़की को I love you बोला था उसके घर आप बैंड बाजे के साथ पहुँच पाये। आगे शादी चले न चले उससे प्यार के पूरे और अधूरेपन पर कोई असर नहीं पड़ता
”
”
Divya Prakash Dubey (मसाला चाय)
“
भगवान कसम खाने से क्या होता है?”
“सबसे safe भगवान कसम ही होती है यार।”
“क्यूँ?”
“क्यूँकि भगवान कभी मरता नहीं।”
“झूठी कसम से भी नहीं।”
“अबे नहीं यार, यही तो खास बात है भगवान की। मरता नहीं न। इसीलिए सब भगवान की झूठी कसम तुरंत खा लेते हैं तुझे भी कभी झूठी कसम खानी पड़े तो भगवान की खा लेना।
”
”
Divya Prakash Dubey (मसाला चाय)
“
but there are many languages on earth that are basically gender neutral, using the same word for he, she, and it, or not using pronouns at all. You’ve probably heard of some of them. They include: Armenian, Comanche, Finnish, Hungarian, Hindi, Indonesian, Quechua, Thai, Tagalog, Turkish, Vietnamese, and Yoruba.
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”
Dashka Slater (The 57 Bus: A True Story of Two Teenagers and the Crime That Changed Their Lives)
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Sejal had not often thought of her home, or of India as a whole, as cool. She was dimly aware, however, of a white Westerner habit of wearing other cultures like T-shirts—the sticker bindis on club kids, sindoor in the hair of an unmarried pop star, Hindi characters inked carelessly on tight tank tops and pale flesh. She knew Americans liked to flash a little Indian or Japanese or African. They were always looking for a little pepper to put in their dish.
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Adam Rex (Fat Vampire: A Never Coming of Age Story)
“
In a grandiose sweep that demolished history itself, Sanskrit was put forward as the ancestor of not just this brand new ‘Shuddh’ Hindi, but the ‘Mother of all languages’. We still find otherwise thoughtful Indians asking: Well, if not Hindi, which other modern Indian language came directly from Sanskrit? It is hard to let go of a crutch we have grown up with—one every bit as powerful as the myth that all of us mixed people in the north are actually Ārya, or, more crudely put, The Master Race.
”
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Peggy Mohan (Wanderers, Kings, Merchants: The Story of India through Its Languages)
“
यादों के क़िस्से।
ऐसे तो तेरे जुदा होने के पलों में भी मेरे दिल की सांसें ऊपर नीचे होती रहती है
लेकिन मिलने की ख़ुशी में कितनी बेचैन रहती हूँ ये तुम्हें भी पता है
लेकिन सच कहूँ तो तुमसे ज़्यादा तुम्हारी यादों में रहना अच्छा लगता है , क्योंकि जब भी मिलते है तब थोड़े ही पलों में जुदा हो जाते हैं।
वहीं तुम्हारी याद मेरे हर पल में मेरा साथ देती है।
तुम्हारी याद मेरे लिए ताजगी होती हैं।
तुम्हारी याद मेरी साँस है।
तुम्हारी याद मेरी ज़िंदगी की उदास पलों में भी मुझे हँसने का बहाना देती है।
हर पल लगता है की तु मेरे कहीं आस पास हो।
खुली आँखों से दिखता है ये सपना सच है या फिर तुम कोई आभास हो ।
लेकिन सच तो यही है कि हक़ीक़त हो या आभास जो भी है मुझे बोहोत पसंद है।
क्योंकि इस सपने में तू ही तू है।
लोग कहते हैं कि नींद का आना क़ुदरत का वरदान है और नींद न आना अभिशाप है ।
लेकिन अगर मुझे जो तुम्हारी याद की हर एक पल में जीने की इजाज़त मिले , तो मैं कर दूँ नींद को भी अपने आप से परे।
और खोई रहूँ तुम्हारे ही सपनों में।
अब हर एक मौसम भी करवट बदल रहा है , क्योंकि इस महके हुए आकाश में भी तेरा अंश कही छलक रहा है।
जानते हो कहीं न कहीं तुम्हारी वो मुस्कान को अपनी नींद में लेकर मैं सोती हूँ ।ऐसे ही तो तुम मेरे सपनों में आकर मेरी साँसों को भी नई धड़कन दे कर जाते हो।
बस तुम्हारा नाम लिखा ही था कि मेरी आंखें भर आयी है आगे
के कैसे लिखूँ मैं अपनी यादों की कविता, कैसे उतारू मैं अपनी क़लम के काग़ज़ के आगे।
सुख के सारे वो पल लिखूं
या जुदाई के सारे वो ग़म लिखूँ।
जुदाई कि वो हर पल लिखना चाहूँ ,तब दिल मेरा हाथ रोके
बार बार अक्षरों को मिटाते हुए हो गया मेरा काग़ज़ भी पूरा , और कहें मुझ से क्यों न लिख पाए तुम अपने जुदाई वाले यादों के क़िस्से।
अब जब लिखा नाम तुम्हारा कहीं
तो महेक उठा मेरा कागज़ भी पुराना अभी ।
जैसे ही सपनों में आया हो अलग सा ही उजाला कहीं।
आख़िरी रास्ता बन के मिल मुझे
बस एक तू ही है आधार ये भी तो पता है तुम्हें
जान ले तू ये समय की हर चाल को
बस मेरी ज़िंदगी के हर एक पल में बसा है तू मेरी धड़कन बन के।
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”
Shraddha Dave
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His reading habit was so varied that in his early teens, he was reading both Maxim Gorky’s Mother and the detective thrillers (Jasoosi Duniya) of Ibn-e-Safi. The detective thrillers—be it Indian or American pulp fiction—were a big favourite for their fast action, tight plots and economies of expression. He remembers the novels of Ibn-e-Safi for their fascinating characters with memorable names. ‘Ibn-e-Safi was a master at naming his characters. All of us who read him remember those names . . . There was a Chinese villain, his name was Sing Hi. There was a Portuguese villain called Garson . . . an Englishman who had come to India and was into yoga . . . was called Gerald Shastri.’ This technique of giving catchy names to characters would stay with him. The wide range of reading not only gave him the sensitivity with which progressive writers approached their subjects but also a very good sense of plot and speaking styles. Here, it would be apt to quote a paragraph from Ibn-e-Safi’s detective novel, House of Fear—featuring his eccentric detective, Imran. The conversation takes place just outside a nightclub: ‘So, young man. So now you have also starred frequenting these places?’ ‘Yes. I often come by to pay Flush,’ Imran said respectfully. ‘Flush! Oh, so now you play Flush . . .’ ‘Yes, yes. I feel like it when I am a bit drunk . . .’ ‘Oh! So you have also started drinking?’ ‘What can I say? I swear I’ve never drunk alone. Frequently I find hookers who do not agree to anything without a drink . . .’ This scene would find a real-life parallel as well as a fictional one in Javed’s life later. Javed
”
”
Diptakirti Chaudhuri (Written by Salim-Javed: The Story of Hindi Cinema's Greatest Screenwriters)
“
एक बार मुल्ला ने एक आदमी को शादी की सलाह दी । वह आदमी बोला, "मैं किसी विधवा से शादी करना चाहता हूँ ताकि
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Praveen Kumar (अकबर बीरबल के रोचक किस्से: Akbar Birbal Story Books in Hindi: Illustrated (Hindi Edition))
“
Meanwhile, on Raghav’s wish list was a film company. He was a Hindi film buff, but he was not in any way star-struck. He simply thought it was a good business idea, and that the time was right. Vandana, who had a lot of connections in the film industry, was to be a part of the venture. Raghav launched the film company as a personal venture, though TV18 was a minority investor, with a holding of 20 per cent. In June, the Indian Film Company raised Rs 400 crore at London’s Alternative Investment Market, much to Raghav’s amazement. ‘Almost any guy with even half a track record and a gleam of new economy, media or technology in his eye could go to London, float a company which hardly did anything, probably even if revenues were zero, and pick up equity. We did exactly that with our film fund. We had no track record in the film business. Zero.’ But investors were more than willing to throw money around in 2007.
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”
Indira Kannan (Network18: The Audacious Story of a Start-up That Became a Media Empire)
“
उसके मुस्कुराने में दूध का उबाल था। उसे पा लेना इतनी बड़ी बात थी कि उसके लिए हज़ारों कहानियों को बंडल बनाया जा सकता था।
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”
Gaurav Solanki (ग्यारहवीं-A के लड़के)
“
तकलीफ़ के बदले तकलीफ़ देना प्यार के बदले प्यार देने से ज़्यादा ज़रूरी लगता था।
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Gaurav Solanki (ग्यारहवीं-A के लड़के)
“
ऐसा इसलिए भी है क्योंकि हमें अक्सर अपने-आप से ही भयभीत होने का संस्कार दिया जाता है। हम भूल करने और निर्णय लेने से डरते हैं। हम उचित कार्य करने से डरते हैं और चाहते हैं कि जब हम कुछ करें तो दूसरा हमारे कार्य की पुष्टि करे। भय के मारे, आप अपनी टाँगें पसार कर नहीं सोते, आप हमेशा थोड़े सिकुड़े रहते हैं। कुंडलिनी का स्वाभाविक धाम तो स्वाधिष्ठान चक्र में है पर ये नीचे उतर कर मूलाधार चक्र में पड़ी है। ये दो चक्र काम के केंद्र हैं और लोगों के जीवन में सबसे बड़ा अपराधबोध, उनके यौन संबंधी विचारों और कामों से ही जुड़ा होता है। जब आप अपने-आप को पूरी तरह से स्वीकार लेते हैं और अपने साथ सहज होने लगते हैं तो वहीं से कुंडलिनी का जागरण आरंभ होता है। तब आप उसे ध्यान और मनन के साथ आगे ले जाते हैं। आप इसे इसकी सिकुड़ी और मुड़ी हुई अवस्था से बाहर निकालते हैं और यह पूरी तरह से निर्भीक और स्वीकार्य भाव में आ जाती है। यह सुप्त नहीं रहती। यह जाग्रत और सार्थक हो उठती, यह न केवल आपके सपनों को साकार करने का माध्यम बनती है। बल्कि आपको संपूर्णता का एहसास भी दिलाती है। यही कारण है कि इसे देवी का निराकार रूप कहा जाता है जो स्वयं दैवीय माता से कम दैवीय, कम शक्तिशाली और कम संपूर्ण नहीं है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
La nostra cultura è nella famiglia e nella comunità ed emerge quando ci mettiamo insieme a fare un
lavoro concreto, a giocare, a raccontare storie, recitare, o quando qualcuno si ammala, muore o nasce,
oppure in occasione di feste come il Giorno del Ringraziamento. Una cultura è una rete di comunità locali
che ha radici e viene curata. Ha dei limiti ed è ordinaria. “È una persona colta” non dovrebbe significare
“d'élite” ma piuttosto qualcosa come “ben fecondata”.
(Il termine cultura rimanda a significati latini legati al verbo colere, coltivare, curare, venerare, rispettare.
La radice kwel significa fondamentalmente girare intorno a un cerchio, ed è parente di wheel (ruota) e del
greco telos, completamento di un ciclo, da cui teologia. In sanscrito la ruota o “la grande ruota
dell'universo” è chakra e la parola hindi moderna corrisponde a charkha, arcolaio, la ruota per filare con
cui Gandhi meditò sulla libertà dell'India mentre era in prigione).
”
”
Gary Snyder (The Practice of the Wild)
“
आपकी चेतना का दायरा, केवल आपकी देह तक सीमित नहीं रहा; यह सारे संसार पर व्याप्त हो गया है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
यह भी एक रोचक तथ्य है, मणिपुर चक्र का मन की सहज व अंतर्ज्ञान संबंधी विशेषताओं से गहन संबंध है। मैंने असंख्य अवसरों पर देखा है कि मणिपुर चक्र पर ध्यान करने से आपकी अंतर्दृष्टि में निखार आता है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
अनाहत चक्र पर ध्यान करने का एक और लाभ यह होगा कि आप एक निश्चित प्रकार की शुद्धि का अनुभव कर सकेंगे — जो भी भावात्मक और भौतिक होगा। आपके रक्त की गुणवत्ता में सुधार होगा और आप कहीं सकारात्मक अनुभव कर सकेंगे। आपकी अस्वीकृति से भरपूर प्रतिक्रियाएँ पहले से कहीं सजग व धीमी होंगी। साधक को अपने भीतर एक नए प्रकार के साहस का अनुभव होगा। देवी का नाम राकिनी है। उनका रंग श्याम तथा सहायक ध्वनि ‘रं’ है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
सभी नामों के अंत में ‘कर्षिणी’ प्रत्यय आता है जिसका अर्थ है, किसी चीज़ को रोकने की शक्ति। इससे भी महत्वपूर्ण अर्थ है, उचित उपयोग या व्यवहार की शक्ति। ये सोलह नाम प्रेम, बुदि्धमता, आत्म-संकल्पना, ध्वनि, स्पर्श, आकार, स्वाद, गंध, चेतना, वीरता, स्मृति, पहचान, रचनात्मक द्रव्य, सूक्ष्म व भौतिक शरीर क्रमशः हैं। सभी चक्रों पर साधना करते हुए जब तक आप यहाँ आएँगे, तो आप सदैव सजग और एकाग्रचित्त रहना सीख चुके होंगे, आप अपने आचरण में पूरी सतर्कता रखेंगे और आप इन सभी सोलह तत्वों को उपयुक्त रूप से अपने जीवन में प्रयुक्त करेंगे। देवी का नाम डाकिनी है और उनकी सहायक ध्वनि ‘दं’ है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
आज्ञाचक्राब्जनिलया शुक्लवर्णा षडानना. मज्जासंस्था हंसवतीमुख्य शक्तिसमन्विता, हरिद्रान्नैकरसिका हाकिनीरूपधारिणी.” (ललिता सहस्रनाम, 107.5–108) शाब्दिक अर्थ आपकी दोनों भौहों के मध्य, आज्ञा चक्र में स्थित देवी विशुद्ध गौरवर्णा और छह मुखों वाली हैं। अस्थि मज्जा में स्थित देवी को प्रधान ऊर्जा हंसावती का सहयोग मिलता है। उन्हें हल्दी डाल कर पका हुआ, गरिष्ठ भोजन भाता है, वे हाकिनी का रूप धारण करती हैं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
इस चक्र की देवी अस्थि मज्जा में स्थित है। इस चक्र पर ध्यान करने से आप अस्थि मज्जा से जुड़े रोगों से मुक्त हो सकते हैं। यह इस बात की भी सूचक है कि अब ध्यान आपकी अस्थियों में है। पहले आपको ध्यान लगाना पड़ता था, अब यह स्वचालित रूप से लगेगा। आप बस लगभग पहुँच गए हैं, आप शांति व परमानंद की प्राकृतिक अवस्था की तलाश करने के लिए प्रस्तुत हैं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
जब आप भीतर श्वास लेते हैं तो आप कहते हैं ‘हम्सा’ और बाहर श्वास छोड़ते हुए कहते हैं, ‘सोहम्’,। इसका अर्थ है, ‘मैं वही हूँ’। अपने जीवन के प्रत्येक क्षण में इस ज्ञान से बड़ा बोध कोई नहीं हो सकता कि आप जिस दैवीय को खोज रहे हैं, आप वही हैं और आपके आसपास की हर वस्तु और व्यक्ति भी उतना ही दैवीय है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
सहस्रार तक पहुँचना, आपके द्वारा की गई गहन साधना का पुरस्कार है। इस अवस्था तक आने वाला साधक सिद्ध हो जाता है। साधक सिद्ध होने की अवस्था से भी परे हो गया है। वह साध्य, बनने के परम स्तर तक पहुँच गया है, जिसे वह खोज रहा था। साधक ने उसके साथ एकात्म पा लिया, जिसे वह साधना चाहता था। इस स्तर पर आप पूजनीय हो उठते हैं क्योंकि आपका अस्तित्व पूरी तरह से निःस्वार्थ है और दूसरों के कल्याण के लिए है। आप लोगों को आरोग्य देने, चमत्कार करने और उनके पार देखने की शक्ति अर्जित कर लेते हैं। आप स्वाभाविक रूप से असीम करुणा के स्वामी हो जाते हैं और आप लोगों को उसी तरह अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जैसे पुष्प मधुमक्खियों को अपनी ओर खींचते हैं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
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इन देवी को याकिनी कहा जाता है। इनका वर्ण ‘यं’ है। मूल वर्ण ‘य’ का अर्थ है, ‘यह’। यही है, अब! यही एक सिद्ध व जिज्ञासु के बीच मूल अंतर है; एक साधक जहाँ संघर्ष करता है, सिद्ध वहाँ आनंदित होता है। सिद्ध पुरुष वहीं रहते हैं, जहाँ से छात्र भाग खड़े होते हैं और वह यही है, अब!
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
भक्ति कहती है कि अपने पापों की क्षमा चाहते हुए, उस दिव्य का नाम जप करते हुए, उसका स्तुति गान करते हुए, स्वयं को समर्पित कर दो। तंत्र इसे अस्वीकार करता है। ईश्वर के बारे में अवधारणा ही तंत्र और वेद का मूलभूत अंतर है। तंत्र में आप कहते हैं, ‘आप मेरे पूजन का साधन हो। आप मुझसे महान हो इसलिए मैं आपका पूजन करता हूँ परंतु मैं केवल स्तुतिगान करने या अपने पापों के लिए क्षमा चाहने में ही विश्वास नहीं रखता। मैं स्वयं को उस सीमा तक शुद्ध करना चाहता हूँ, जहाँ आप मुझमें और मैं आपके भीतर समा जाऊँ। मैं मृत्यु के बाद संयोग में रुचि नहीं रखता, मैं अपनी जीवितावस्था में ही इसका अनुभव पाना चाहता हूँ।
”
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Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
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यैर्एव पतनं द्रव्यैः सिद्’ धिस्तैरव च्ओदिता, स्रीकौलदर्शन्ए चैव भैरव्एण महात्मना.” (कुलार्णव तंत्र, 5, 48) कौल परंपरा के महान भैरव, शिव ने निर्देश दिया है कि जो वस्तु मनुष्य के पतन का कारण बनती है, उसके उपयोग से ही आध्यात्मिक उन्नति करना संभव है।
”
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Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
कुंडलिनी मेरी ऊर्जा है और मेरे भाव व विचार भी मेरे हैं। तंत्र कहता है कि कुछ भी अपने-आप में अच्छा या बुरा नहीं होता। यह सब उसके उपयोग पर निर्भर करता है। कुंडलिनी पथ की साधना में स्वीकारा जाता है कि मेरे भीतर कमियाँ और दोष हैं परंतु मैं उनके कारण अपनी क्षमता को नष्ट नहीं कर सकता। तंत्र इस बात पर बल देता है कि किसी भी चीज़ से ऊपर उठने के लिए आपको उसे समझना होगा। जब आप किसी चीज़ को नहीं समझते, तो आप उसका दमन करते हैं, आप उसे अस्वीकारते हैं और जागरण के पथ पर यही अस्वीकार आपकी सबसे बड़ी बाधा बन जाता है। इसकी बजाए अपनी सारी नकारात्मकता और सीमाओं को एक सशक्त बल में बदलें जो मुक्ति पाने पर केंद्रित हों। तंत्र आपको सिखाता है कि आप सहज भाव से हर चीज़ का त्याग कर दें ताकि आप उसे देख सकें, समझ सकें, उसे साध सकें और उससे पार जा सकें। आपको यह सोचने में बुरा लग सकता है कि आप पापों से भरे हैं। इसकी बजाए, अपने पापों की सोच से परे जाते हुए, उसके मूल तक जाएँ। किसी न किसी को तो कचरा हटाना ही होगा। उपेक्षा करने से बात नहीं बनेगी। उसमें से निरंतर दुर्गंध आती रहेगी। आपको पूरे कौशल और कलात्मकता के साथ अपने भीतर की हर चीज़ को साधना सीखना होगा।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
यदि ईश्वर हर वस्तु में विद्यमान है, तो क्या उसके अस्तित्व की कोई भी वस्तु असंपूर्ण हो सकती है? यही तंत्र का पथ है। कुंडलिनी जागरण एक तांत्रिक साधना है।
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”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
अब यह रेशम के तंतु खाने वाली इल्ली या उल्टा लटकने वाला प्यूपा नहीं रहा। यह पंखों व रंगों के साथ एक सुंदर तितली बन गई है। इसके जीवन ने नए आयाम ले लिए हैं। एक गहरे अंधेरे खोल से बाहर आ कर, यह हरे-भरे मैदानों में खिले पुष्पों के साथ, दिन के उजले प्रकाश में खेलती है। इसने नई योग्यताओं को सीखा हालांकि इसके पास कोई सहायक अंग नहीं थे। एक तितली नाक न होने के बावजूद सूंघ सकती है। एक इल्ली से ले कर तितली बनने तक का असाधारण रूपांतरण ही कुंडलिनी जागरण है, यही सारी तांत्रिक साधना का रहस्य है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
वास्तविकता में, इसके गुप्त अर्थ में साधक की आध्यात्मिक प्रगति का रहस्य छिपा है। पहले शब्द स्वाहा का अभिप्राय है कि आपने अपनी सारी नकारात्मक प्रवृत्तियों को जला कर राख कर दिया है। इल्ली की तरह, आप इस अविश्वास को जला देते हैं कि आप उड़ नहीं सकते। अब आप उन बातों पर केंद्रित नहीं रहते, जो आप नहीं कर सकते, आप उन बातों पर ध्यान रखते हैं, जिन्हें आप करना चाहते हैं और ब्रह्माण्ड स्वयं आपकी सहायता के लिए आगे आ जाता है। अगले शब्द स्वधा का अर्थ है, आंतरिक शक्ति तथा अवशोषित करने की आंतरिक योग्यता। कुंडलिनी जागरण से, आपको अपनी असाधारण प्रतिभा का भान होता है, वह असीम संभावना, जिसे पाने के लिए आप सदा से व्याकुल थे। आप किसी इल्ली की तरह अपने भय तथा वर्जनाओं की परतें उतारने लगते हैं। आपकी हर परत उतरने के साथ ही, आपके भीतर से आपका एक नया पक्ष उजागर होता है। आपको लगता है कि आप भी पंख उगा सकते हैं, आप अपने खोल से बाहर आ सकते हैं।
”
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Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
जागरण के साथ ही यह बोध भी आता है कि केवल प्रेम ही एक ऐसा भाव है जिसे अपने भीतर स्थान देना और प्रसारित करना चाहिए। आप निःस्वार्थ स्नेह का प्रतिमान हो जाते हैं और यही कुंडलिनी है। कुंडलिनी वह स्नेह है जो आपकी इच्छाओं व सपनों तले कुंडली मारे बैठा है, वह चाहता है कि आप भावों तथा मोह के चक्रों को भेदते हुए, अपने अनंत अस्तित्व के संयोग का अनुभव पा लें। यह एक बोध है कि आप जल की इकलौती बूँद नहीं, जो किसी भी क्षण सूख जाएगी, आप एक अनंत जलराशि का अंश हैं — एक सागर, ऐसा सागर, जो कभी नहीं सूखता।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
सकारात्मकता और दृढ संकल्प के साथ आगे जाने वाले के लिए ब्रह्माण्ड स्वयं मार्ग बनाता है।
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”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
मूलाधार, ध्यान किए जाने वाले चक्रों में सबसे पहले नंबर पर आता है, तो आपके लिए एकाग्र बने रहने की चुनौती भी हाथी जितनी ही विशाल होगी; यह कुछ ऐसा ही होगा मानो आप हाथी को पालतू बना रहे हों। आपको कुंठित होने या इससे जूझने की आवश्यकता नहीं है, अन्यथा यह आपको कुचल देगा। बस आपको अपनी सजगता और संकल्प के अंकुश के साथ, आगे बढ़ना है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
मूलाधाराम्बुजारूढा ‘पञ्चवक्त्रा’ स्थिसंस्थिता, अङ्कुशादिप्रहरणा वरदादिनिषेविता. मुद्रौदना सक्तचित्ता साकिन्यम्बास्वरूपिणी.
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
इस चक्र की ऊर्जा यहीं वास नहीं करती। इस श्लोक में अगला शब्द है, ‘अस्थि-संस्थिता’, यह आपकी अस्थियों में भी वास करती है। और यहीं असली अर्थ छिपा है। मूलाधार चक्र पर ध्यान लगाने से आपकी हडि्डयों की सेहत में सुधार होता
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
अगर आप हार नहीं मानते तो सभी बाधाओं को हार माननी पड़ती है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
मूलाधार चक्र पर लंबे समय तक साधना करने से, आप हल्का महसूस करने लगते हैं। आपके भीतर से तुच्छ वासनाएँ और विचार तिरोहित हो जाते हैं और शांति व कल्याण का भाव उदय होता है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
मनुष्यों को उनके स्वभाव के अनुसार तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। वे हैं: दिव्य, वीर व पशु। हालांकि, जब लैंगिकता की बात आती है, तो एक और भाव भी सामने आता है, मनुष्य भाव। कोई भी काम संबंधी कृत्य; दिव्य, वीर, पशु या मनुष्य भाव में ही पूर्ण होता है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
संस्कृत के शब्द ‘पाश’ यानी श्रृंखला से पशु शब्द बना है। जो व्यक्ति किसी आदत, विचार या इच्छा की श्रृंखला से बंधा हो, वह पशु है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
मनुष्य से अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है, जो मन में आश्रय लेता हो।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
ऐसा व्यक्ति जो शत्रुओं का दमन कर सकता हो, वह वीर है परंतु सबसे अधिक, जो अपने रचनात्मक द्रव्य (वीर्य) को निखारता है, वही वीर है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
कृष्ण, आधी रात को श्यामल जल वाली यमनुा नदी के किनारे जा बैठते। चंद्रमा की सौम्य किरणें उनकी मुखाकृति, वृक्षों, नदियों आदि पर पड़ती और सब कुछ प्रेम की तरह धीमे-धीमे प्रकाशित हो उठता। प्रेम एक कोमल भाव है, एक सौम्य प्रकटीकरण। वे अपनी बाँसुरी बजाने लगते। उनके विशुद्ध अधरों से निकली दिव्य फूँक से, खोखली वंशी से माधुरी फूट पड़ती। जीवन का संगीत जीवंत हो उठता और प्रेम इसकी धुन पर नाच उठता, सारी गोपियाँ मंत्रमुग्ध हो जातीं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
वंशी उन्हें उत्तर देती, ‘मैंने स्वयं को रिक्त कर दिया। मैं अपने भीतर कुछ नहीं रखती। मैं किसी चीज़ से मोह नहीं रखती। मैंने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया और अब मैं उनकी इच्छा की चेरी हूँ, उनके कहने से ही बजती हूँ। मैं कभी नहीं बोलती, कृष्ण ही मेरे माध्यम से बोलते हैं।” गोपियों ने भी वंशी की तरह, कृष्ण के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था। उनके बीच कोई जलन या ईर्ष्या का भाव नहीं था। उनके बीच कोई मोह या आसक्ति नहीं थी क्योंकि वे जानती थीं कि उन्हें कृष्ण की सेवा करनी है, उन पर स्वामित्व नहीं पाना। वह पशु भाव (वासना पूर्ति), मनुष्य भाव (स्वामित्व), या फिर वीर भाव (रक्षक), नहीं बल्कि दिव्य भाव (मुक्ति) था।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
दिव्य भाव, यह यौन चेतना के विकास में सबसे परम अवस्था है। यौन कर्म में दिव्य भाव से लिप्त होने वाला व्यक्ति केवल एक विस्तार है, प्रेम का एक प्रकटीकरण। कृष्ण और गोपियों के संबंध में यही भाव दृष्टिगोचर होता है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
वह अपना कण-कण दूसरे व्यक्ति को सौंप देना चाहता है। जिस तरह गोपियाँ सेवा करते हुए, दूसरे व्यक्ति की ताकत बनना चाहती हैं। जब गोपियाँ कृष्ण को अपने दिव्य प्रेमी के रूप में स्वीकार लेती हैं, तो वे बिना किसी शर्त के समर्पण कर देती हैं। यही आत्मसमर्पण ही, भक्ति का मूल रूप है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
यह देवी शरीर की वसा में वास करती है और इन्हें शहद व दहीयुक्त भोजन पसंद है। इसका अर्थ है कि इस चक्र पर ध्यान लगाते हुए, आपको अपने आहार में दही व शहद को शामिल करना चाहिए। इस चक्र पर ध्यान करने से, सभी रोगों पर सकारात्मक प्रभाव होगा, वसा से जुड़े रोगों का शमन होगा और धमनियों में कॉलेस्ट्रॉल और वसा के जमाव पर भी रोक लगेगी।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
मणिपुर चक्र आपकी नाभि के बिंदु पर स्थित है, यह आपका नाभि केंद्र है। तीन मुख वाली देवी आपके तीन दोषों; वात, कफ और पित्त की सूचक हैं। प्रत्येक व्यक्ति की प्रवृत्ति इन्हीं तीन दोषों पर आधारित होती है। किसी में वात की मात्रा अधिक होती है तो किसी में कफ की और किसी में पित्त की अधिक मात्रा पाई जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, मनुष्य के शरीर में उत्पन्न 95 प्रतिशत रोगों का संबंध पेट से होता है। मणिपुर चक्र पर ध्यान लगाने से, तीनों दोष शांत होते हैं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
मणिपुर पर गहन साधना के दौरान, आपको अधिक से अधिक सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस चक्र का रंग है। देवी का नाम लाकिनी है और इनका बीज वर्ण ‘लं’ है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
इस चक्र की देवी का नाम काकिनी है। और इनका बीज वर्ण कं है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
देवी का वास माँस में है। इसका अर्थ है कि यह चक्र आपकी मांसपेशियों की लोच बनाए रखता है और इनसे जुड़ा कोई भी रोग, चक्र साधने से दूर हो सकता है। मणिपुर पर गहन साधना के दौरान, आपको अधिक से अधिक सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस चक्र का रंग है। देवी का नाम लाकिनी है और इनका बीज वर्ण ‘लं’ है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
हृदय चक्र पर ध्यान लगाने से आपके दिल और दिमाग के बीच खूबसूरत संतुलन पैदा होता है। इस तरह आपको सारे सकारात्मक और नकारात्मक भावों के बीच सहज रहना आ जाता है बल्कि आपके लिए निर्णय लेना भी आसान हो जाता है। आपकी प्रतिभा सामने आती है और आप पूरे संकल्प के साथ अपने चुनावों पर टिक पाते हैं। आपको अपनी योजनाएँ स्पष्ट तौर पर दिखने लगती हैं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
अक्षमाला, अक्षों के मोती से अभिप्राय, रूद्राक्ष से नहीं, बल्कि संस्कृत वर्णमाला के पचास वर्णों से है जो अ से आरंभ हो कर क्ष पर समाप्त होते हैं। आपकी प्रशंसा, निंदा, आलोचना या सराहना में जो भी शब्द कभी कहा जाएगा, वह इन्हीं के मेल से बना होगा। अगर आप यह सोच कर तटस्थ रह सकें कि दूसरे आपके लिए जो भी राय रखते हैं, वे केवल वर्णों से शब्द जोड़ कर आपको एक माला दे रहे हैं तो आपकी प्रतिक्रिया गायब हो जाएगी। इस तरह आपके भीतर एक सजगता और शरीर में ऊर्जाओं की स्थिरता उत्पन्न होगी। जब आपकी ऊर्जा स्थिर होती है, तो दूसरे आपको भड़का नहीं सकते, आपको विचार करने का समय मिल जाता है और आप बाहरी व आंतरिक रूप से, अपने लिए शाब्दिक व मानसिक प्रत्युत्तर का चुनाव कर सकते हैं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
छह परिवर्तन हैं : जन्म, अस्तित्व, वृद्धि, रूपांतरण, क्षय व अलोप होना। वे छह अशक्तता या रोग हैं : भूख, प्यास, दुख, भ्रम, बुढ़ापा व मृत्यु। वे छह शत्रु हैं: काम, क्रोध, लोभ, मोह, दंभ व ईर्ष्या। यहाँ तक कि एक योगी के लिए भी ये भारी चुनौतियाँ हो सकती हैं। इनके कारण भय पैदा हो सकता है। इनके कारण साधक, आज्ञा चक्र पर ध्यान रमाने के दौरान भी बुरा व्यवहार कर सकता है, जबकि इस ध्यान से आपके भीतर विवेक व अटलता का बीज अंकुरित होना चाहिए।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
इस चक्र पर ध्यान लगाते हुए स्वादिष्ट किंतु सेहतमंद भोजन करें और अपने भोजन में हल्दी को शामिल करना बेहतर होगा। देवी का नाम हाकिनी व उनका बीज वर्ण ‘हं’ है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
सहस्रदलपद्मस्था सर्ववर्णोपशोभिता, सर्वायुधधरा शुक्लसंस्थिता सर्वतोमुखी. सर्वोदनप्रीतचित्ता याकिन्यम्बास्वरूपिणी.” (ललिता सहस्रनाम, 109–110.5) शाब्दिक अर्थ शतदल कमल में स्थित, संस्कृत वर्णमाला के सभी वर्णों से सुसज्जित, सारी सामग्री सहित, रचनात्मक द्रव्य में स्थित, बहुदिशामुखी तथा हर प्रकार का आहार पसंद करने वाली, देवी याकिनी हैं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
सहस्रार सही मायनों में कोई चक्र नहीं; यह एक अवस्था, एक दशा और एक परिणाम है। यह आपके लिए असीम संभावनाओं का स्त्रोत है। अब आप कोई एक व्यक्ति नहीं रहे, जो आजीवन संघर्ष कर रहा है या लक्ष्य पाने के प्रयास में है। इसकी बजाए आप देवी अर्थात दिव्यता का प्रतिरूप हो जाते हैं। आपके हर विचार की गति, केंद्र व शक्ति हज़ारों की संख्या में बढ़ जाती है। मानो आपको सहायता के लिए हज़ारों हाथ दे दिए गए हों।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
एक बार मुर्गियों के बाडे में दो मुर्गे थे। शक्तिशाली मुर्गे ने दूसरे को चुनौती दी । दोनों लडने लगे, शक्तिशाली
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Praveen Kumar (अकबर बीरबल के रोचक किस्से: Akbar Birbal Story Books in Hindi: Illustrated (Hindi Edition))
“
मुल्ला दो प्याजा से
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Praveen Kumar (अकबर बीरबल के रोचक किस्से: Akbar Birbal Story Books in Hindi: Illustrated (Hindi Edition))
Praveen Kumar (अकबर बीरबल के रोचक किस्से: Akbar Birbal Story Books in Hindi: Illustrated (Hindi Edition))
“
मुल्ला ने जवाब दिया, "जिस तरह प्याज की गंध से हानिकारक जीवाणु कीटाणु नष्ट हो जाते हैं उसी तरह से मेरे प्रताप से देश के दुश्मन मेरा नाम सुनते ही दूर भाग जाते हैं।
”
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Praveen Kumar (अकबर बीरबल के रोचक किस्से: Akbar Birbal Story Books in Hindi: Illustrated (Hindi Edition))
“
Satrangi Re” is a compilation of Hindi stories encompassing unique colors of love, relations, friendship, parent-child associations, and passion & emotions. These are my stories, your stories, and stories of our lives. These are the stories of seven different colors, fragrances, and flavors which after placing them together make a splendid rainbow, a vibrant bouquet, and a scrumptious buffet of stories. So, what are you waiting for? Pick up your cup of tea, a mug of coffee, a bowl of Maggi, and dive deep into your childhood innocence, youthful negligence, the hustle & bustle of relationships, the whiff of first love, the huddle of friends, and affectionate scolding of parents. And while doing all this, close your computer’s window and look outside the real window of your house and the window of your heart, which you might not have opened for weeks and months and try to see the splendid rainbow that you may have not seen for a long time. Saw your rainbow? If yes, Congrats. it’s the icing on the cake. If not, don’t worry…you have. Satrangi Re….
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”
”
Gagan Mehta (Satarangi Re -Kahaniyon Ka Indradhanush)
“
संकेत निकल गया। तीज ने सब को पुकारकर कहा- लड़के लड़की को मिला दिया तो अब मूसलचंद क्यों बने हो? चलो सब बाहर!
-जरूर! – सभी दोनों को विश करते हुए बाहर निकले।
-बी क्यू!-तीज ने इशारा किया।
-कोई जरूरत पड़ी तो! – बी क्यू ने बहाना बनाया।
-इन दोनों को एक-दूसरे के अलावा और किसी चीज की जरूरत नहीं है। चलिये! बहानेबाज!
-ओके डीयर।
आज रविवार की इस शाम पूरे परिसर में मेधा थी, करण था और थी अनगिनत दिनों और अनगिनत रातों की कहानियाँ। नजरों नजरों में बात चलती…होंठ हिलते…स्मृतियाँ ताजी होतीं…कुछ याद करते, कुछ भूलते!
समय ने उन्हें आगे बढ़ते हुए आज मिलाया था और सिखाया था कि लोग आयु के एक दौर में सीखते हैं तो दूसरे दौर में जीते हैं। जीते-जीते उन्हें पता चलता है कि स्कूल और कॉलेज से निकलने के बाद भी लोगों को ज़िंदगी भर सीखना होता है और सीखने की ये प्रक्रिया ज़िंदगी के स्कूल में कितनी कठिन होती है और कैसी परीक्षाएँ देनी पड़ती हैं।
ब्लू लैब का ये प्रेरक एकांत, शाम का रंगीन माहौल, मेधा और करण की भावनाएं आपस में गुंथ पड़ती हैं और एक दूसरे की नजर से दुनिया को देखते हुए वो लाला जी को बुलाते हैं। लाला जी बड़ी अदा से चाय रखकर कंधे पर पड़े गमछे में पसीना पोछते हुए वापस जाते हैं। चाय की मीठी चुस्कियों के साथ जीवन के मीठे दौर की शुरुआत करने के लिए वो आज फिर से एक-दूसरे की हथेली थामते हैं। शायद आज कोई फिर से बड़े शहर की चकाचौंध और दमघोंटू माहौल को छोडकर आरा कि सहरसा कि भागलपुर के अपने छोटे से गाँव में वापस आया है और आँगन में लगी खटिया पर बैठकर, रसोई में चूल्हे पर ताव देती अपनी पत्नी को, खेत से लौटकर आ रहे अपने पिता को, ओसरे पर चावल चुनती अपनी माँ को, कमरे में छुपके अपनी भौजी का काजल लगाती अपनी छोटी बहन को, बल्ला-विकेट लेकर खलिहान से खेलकर लौटते अपने भाई को देखकर लंबी सी सांस भरता है, ‘घर में सब ठीक है!
”
”
Harsh Ranjan (Chaay Tumhare Sath: Eeti: ek bihari love story (Chaay Tumhaare Sath Book 2) (Hindi Edition))
“
-क्या समझती हो तुम?- करण उसके नजदीक आया और उसे कंधों से धक्का देता दीवार पर ले गया।
-करण!-मेधा ने छूटने की कोशिश की।
-क्या करण!- करण ने आवाज अचानक मीठी की- चलो स्टार्ट करते हैं! देखो न! दूर-दूर तक कोई नहीं है। सिर्फ तुम!- करण ने मेधा के होठों पर उंगली रखी और बोला- सिर्फ मैं!
-करण! छोड़ो!- मेधा कसमसाई- प्लीज! छोड़ो न!
करण धीरे-धीरे उसके चेहरे पर झुकता गया। मेधा की सांसें अनियंत्रित थ, वो सिसकियाँ ले रही थी। करण के होंठ उसके होठों से मिले और करण की पकड़ ढीली पाकर वो अलग हट गयी। करण फिर बढ़ा।
मेधा ने सिसकी भरी और एक थप्पड़ चला दिया करण के गाल पर- प्लीज करण!
-यही आग लगी है न! करण ने मेधा की दोनों बाँहें मरोड़ी और मेधा को फिर से दीवार की तरफ खींच लाया- तुम देखना चाहती हो न!
-मुझे जाने दो प्लीज!
-तुम कहीं नहीं जाओगी!- करण ने उसके मंगटीके को खींचा।
-आह!
-प्यार का कीड़ा कुलबुला रहा है न दिमाग में!- करण ने दूसरे हाथ से उसके केश खींचते हुए कहा- आज ठंडी कर देता हूँ सारी आग!
मेधा की सांसें, उसकी इच्छा-अनिच्छा, उसकी तड़प, उसका दर्द, उसकी सिसकियाँ सभी करण के ताबड़तोड़ चुंबनों में कैद हो गईं। करण को हिसाब नहीं था कि उसने कुछ पलों के गुजरते-गुजरते कितने घाव लगा दिये थे मेधा के शरीर पर, उसके चेहरे के छोटे से छोटे हिस्से को भी वो घायल कर चुका था।
मेधा बेजान सी बेजान दीवार के सहारे बैठ गयी। उसकी आँखों में आंसू थे, उसके चेहरे पर ज्योंकी गहरे-गहरे घाव लगे थे, वो बिलकुल से टूट चुकी थी।
-अच्छी पूजा की तुमने एक लड़की की…करण ने पीछे मुड़कर देखा और फिर नजर फेरकर आगे बढ्ने को हुआ।
-तुम्हें वहाँ से निकलना पड़ेगा करण! थोड़ा पहले या थोड़ा बाद!
करण उसे अनसुना कर गया।
मेधा ने देखा तो वो माँगटीका वहीं, उसके सामने गिरा हुआ था। उसने अपना हाथ बढ़ाया और उसे हथेली पर उठाया। मुट्ठी बंद करते वक़्त उसकी आँखें फिर से छलछला गयी।
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”
Harsh Ranjan (Chaay tumhare sath : Prarambh: ek bihari love story (Chaay Tumhaare Sath Book 1) (Hindi Edition))
“
मैं अपने-आप में संपूर्ण हूँ’ तथा ‘मेरे पास अपने भीतर से भरा-पूरा होने तथा प्रसन्न बने रहने के लिए सब कुछ है।’ यह सब सही मायनों में कुंडलिनी की समझ के साथ ही आरंभ होता है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
चक्र आपके शरीर में भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हैं। ये ज़्यादा से ज़्यादा साइकोन्यूरॉटिक स्नायुजाल हैं। इन्हें पूरी योजना के साथ उन स्थानों पर रखा गया है, जहाँ स्नायुओं का जाल है। इसकी वजह से कुंडलिनी को कोई मिथकीय अवधारणा नहीं माना जा सकता।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
जब आप चक्रों पर ध्यान लगाना आरंभ करते हैं, तो आप अपने अनुभवों तथा नई प्राप्त योग्यताओं के बल पर ही जान पाते हैं कि आपके भीतर रूपांतरण हो रहा है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
कुंडलिनी जागरण पर वास्तविक रूपांतरण वह होगा, जब आप अपनी पुरानी प्रवृत्तियों और नकारात्मकता को उसी तरह त्याग देंगे जैसे कोई सर्प अपनी केंचुली छोड़ देता है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
यह संसार भी सामूहिक चेतना का ही सृजन है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
मन स्थिर होने पर शाश्वत हो जाता है। गतिविधि के अभाव में परिवर्तन हो ही नहीं सकता। सत्य स्थिर है, तभी तो वह शाश्वत है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
सत्य का अनुभव पाने के लिए क्या करना चाहिए?” “जाओ, जा कर ध्यान करो। अपने भीतर छिपी ऊर्जा को जाग्रत करो ताकि तुम्हें आत्मबोध हो सके और तुम अपने ही ब्रह्माण्ड के स्वामी बन सको।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
कुंडलिनी का जागरण, आपकी अपनी विशुद्ध अमूर्त बुद्धिमता का बोध है,
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”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
यह आपकी सौम्य प्रकृति है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
एकाग्रता लाए बिना आपका ध्यान सफल नहीं हो सकता। यही कारण है कि पतंजलि ने भी ध्यान से पूर्व एकाग्रता को स्थान दिया है। एकाग्रता को आप ध्यान नहीं कह सकते। दरअसल, अच्छी एकाग्रता आपको अच्छे ध्यान की ओर ले जाती है। एकाग्रता आपका केंद्र बनाती है और ध्यान के माध्यम से आप सजगता को बनाए रखने की कला सीखते हैं। चक्र भेदन की सफलता, ध्यान की गुणवत्ता पर टिकी है। आपकी एकाग्रता की गुणवत्ता जितनी अच्छी होगी, परिणाम उतने ही तुरंत तथा दीर्घकालीन होंगे।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
पहले दो चक्रों के भेदन यानी मूलाधार व स्वाधिष्ठान चक्र भेदन के लिए, प्रति चक्र एक वर्ष की एकनिष्ठ साधना की आवश्यकता होगी। इसके बाद वाले चक्रों के लिए छह-छह माह का समय माना जा सकता है। यह माना जा रहा है कि आप प्रत्येक वर्ष में प्रतिदिन, ध्यान के लिए दो घंटे का समय निकालेंगे। इन दो घंटों के समय को एक-एक घंटे की अवधि में विभाजित कर देना चाहिए या चालीस मिनट के तीन सत्र भी किए जा सकते हैं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
आपका सत्र कुछ ऐसा दिखाई दे सकता है। 1. श्वास को सामान्य करने के लिए पाँच मिनट तक गहरी श्वास का अभ्यास करना। 2. ऊर्जाओं को नियमित करने के लिए आज्ञा चक्र पर दस मिनट का ध्यान करना। 3. आपके प्रधान केंद्र चक्र पर चालीस मिनट तक ध्यान लगाना। 4. शरीर को शिथिल करने के लिए पुनः पाँच मिनट तक गहरी श्वास का अभ्यास करना। तीसरे बिंदु के दौरान, यदि आप थकान महसूस करें तो आप चक्र के रंग के मानसिक चित्रण तथा बीज वर्ण पर बारी-बारी से ध्यान कर सकते हैं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
हार मानने से कभी जीत हासिल नहीं होती। पूरे संकल्प और सजगता के साथ ध्यान का अभ्यास जारी रखें और कुंडलिनी चक्र का भेदन करेगी। इसके सिवा कोई और उपाय ही नहीं है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
मूलाधार, ध्यान किए जाने वाले चक्रों में सबसे पहले नंबर पर आता है, तो आपके लिए एकाग्र बने रहने की चुनौती भी हाथी जितनी ही विशाल होगी; यह कुछ ऐसा ही होगा मानो आप हाथी को पालतू बना रहे हों। आपको कुंठित होने या इससे जूझने की आवश्यकता नहीं है, अन्यथा यह आपको कुचल देगा। बस आपको अपनी सजगता और संकल्प के अंकुश के साथ, आगे बढ़ना है। सकारात्मकता और दृढ संकल्प के साथ आगे जाने वाले के लिए ब्रह्माण्ड स्वयं मार्ग बनाता है। अगर आप हार नहीं मानते तो सभी बाधाओं को हार माननी पड़ती है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
मूलाधार चक्र पर लंबे समय तक साधना करने से, आप हल्का महसूस करने लगते हैं। आपके भीतर से तुच्छ वासनाएँ और विचार तिरोहित हो जाते हैं और शांति व कल्याण का भाव उदय होता है। ग्रंथों में इस चक्र के रंग का वर्णन नहीं आता परंतु मैंने जिस स्त्रोत से इस साधना को पाया, वहाँ ऐसा नहीं है। इस चक्र का रंग चमकीला संतरी है। देवी का नाम शाकिनी है इसलिए, इस चक्र का बीज वर्ण सं है (इसे ‘संग’ कहा जाता है।) केवल आपके गुरु ही आपको इसका उचित उच्चारण करना सिखा सकते हैं।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
जैसे एक कुत्ता किसी से भी प्रसन्नतापूर्वक रोटी का टुकड़ा ले लेगा, उसी प्रकार एक कामुक पशु भी माँस के टुकड़े की तलाश में है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
एक योद्धा मोह की दृष्टि से नहीं बल्कि कर्तव्य की दृष्टि से बचाव करता है।
”
”
Om Swami (Kundalini: An untold story (Hindi) (1) (Hindi Edition))
“
Read each other.
Become consumers
of each other’s stories—a desperate reaching
for another body’s warmth, its words buoying us through a world.
”
”
Noor Hindi (Dear God. Dear Bones. Dear Yellow.)
“
Kids born with too much ‘Entitlement’, and little deliverables, become Woke. That hold true in all Democracies.
As is said in Hindi Idiom ‘Fools Do Not Grow Horns’, applies to them.
”
”
Sandeep Sahajpal (The Twelfth Preamble: To all the authors to be! (Short Stories Book 1))