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अगर मुनकरिने ज़कात के ख़िलाफ़ क़िताल फ़र्ज़ है, जो हज़रत अबू बकर सिद्दीक़(رضي الله عنه) ने किया,
तो क्या मुनकरिने अहले बैत, जो अहले बैत की फ़ज़ीलतों को नकार कर अहले बैत के ख़िलाफ़ तलवार ले कर खड़े हो गए, तो क्या उनके ख़िलाफ़ क़िताल फ़र्ज़ नहीं है ?
क्या वो वाजिबुल क़त्ल नहीं है ?
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