Bheed Quotes

We've searched our database for all the quotes and captions related to Bheed. Here they are! All 16 of them:

Na Jahaan Bheed Ho Na Jahaan Bhar Ke Log Na Shehar Mein Base Laakhon Logon Ka Shor Chand Lamhen Tu Inse Mujhe Durr Kar Chal Chale Apne Ghar Hamsafar Chal Chale Apne Ghar Hamsafar!!!
Neelesh Misra
Khud se jeetne ki zid h khudko hi hrana h , M bheed nhi hu duniya ki mere andar zamana h.
Abhimanyu Kumawat (JEET ki Ranneeti जीत की रणनीति by Dr. Abhimanyu Kumawat)
हमारे देश में सबसे आसान काम आदर्शवाद बघारना है और फिर घटिया से घटिया उपयोगितावादी की तरह व्यवहार करना है। कई सदियों से हमारे देश के आदमी की प्रवृत्ति बनाई गई है अपने को आदर्शवादी घोषित करने की, त्यागी घोषित करने की। पैसा जोड़ना त्याग की घोषणा के साथ ही शुरू होता है।
Harishankar Parsai (आवारा भीड़ के खतरे [Awara Bheed Ke Khatare])
आम भारतीय जो गरीबी में, गरीबी की रेखा पर, गरीबी की रेखा के नीचे हैं, वह इसलिए जी रहा है कि उसे विभिन्न रंगों की सरकारों के वादों पर भरोसा नहीं है। भरोसा हो जाये तो वह खुशी से मर जाये। यह आदमी अविश्वास, निराशा और साथ ही जिजीविषा खाकर जीता है।
Harishankar Parsai (आवारा भीड़ के खतरे [Awara Bheed Ke Khatare])
साहित्य में जब सन्नाटा आता है, तब कुत्ते भौंककर उसे दूर करते हैं; या साहित्य की बस्ती में कोई अजनबी घुसता है तब भी कुत्ते भौकते हैं। साहित्य में दो तरह के लोग होते हैं- रचना करने वाले और भौंकने वाले। साहित्य के लिए दोनों जरूरी हैं।
Harishankar Parsai (आवारा भीड़ के खतरे [Awara Bheed Ke Khatare])
दिशाहीन, बेकार, हताश, नकारवादी, विध्वंसवादी बेकार युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती है। इसका उपयोग महत्वाकांक्षी खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति और समूह कर सकते हैं। यह भीड़ धार्मिक उन्मादियों के पीछे चलने लगती है। यह भीड़ किसी भी ऐसे संगठन के साथ हो सकती है जो उनमें उन्माद और तनाव पैदा कर दे। फिर इस भीड़ से विध्वंसक काम कराए जा सकते हैं। यह भीड़ फासिस्टों का हथियार बन सकती है। हमारे देश में यह भीड़ बढ़ रही है। इसका उपयोग भी हो रहा है। आगे इस भीड़ का उपयोग सारे राष्ट्रीय और मानव मूल्यों के विनाश के लिए, लोकतंत्र के नाश के लिए करवाया जा सकता है।
Harishankar Parsai (आवारा भीड़ के खतरे [Awara Bheed Ke Khatare])
परेशानी साहित्य की कसरत है। जब देखते हैं, ढीले हो रहे हैं, परेशानी के दंड पेल लेते हैं। माँसपेशियाँ कस जाती हैं।
Harishankar Parsai (आवारा भीड़ के खतरे [Awara Bheed Ke Khatare])
किसी अलौकिक परम सत्ता के अस्तित्व और उसमें आस्था मनुष्य के मन में गहरे धँसी होती है। यह सही है। इस परम सत्ता को, मनुष्य अपनी आखिरी अदालत मानता है। इस परम सत्ता में मनुष्य दया और मंगल की अपेक्षा करता है। फिर इस सत्ता के रूप बनते हैं, प्रार्थनाएँ बनती हैं। आराधना-विधि बनती है। पुरोहित वर्ग प्रकट होता है।कर्मकाण्ड बनते हैं। सम्प्रदाय बनते हैं। आपस में शत्रु भाव पैदा होता है, झगड़े होते हैं। दंगे होते हैं।
Harishankar Parsai (आवारा भीड़ के खतरे [Awara Bheed Ke Khatare])
विज्ञान ने बहुत से भय भी दूर कर दिये हैं, हालाँकि नये भय भी पैदा कर दिये हैं। विज्ञान तटस्थ (न्यूट्रल) होता है। उसके सवालों का, चुनौतियों का जवाब देना होगा। मगर विज्ञान का उपयोग जो करते हैं, उनमें वह गुण होना चाहिए, जिसे धर्म देता है। वह गुण है - 'अध्यात्म' - अन्ततः मानवतावाद, वरना विज्ञान विनाशकारी भी हो जाता है।
Harishankar Parsai (आवारा भीड़ के खतरे [Awara Bheed Ke Khatare])
अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग ने अश्वेतों के बराबरी के मानव अधिकारों के लिए अहिंसक संघर्ष किया। उन्हें मार डाला गया। उनकी पत्नी कोरेटा ने उनके शव को गांधीजी के चित्र के सामने रखकर कहा—हे गुरु, आपका शिष्य आपकी राह पर चलकर शहीद हो गया।
Harishankar Parsai (Awara Bheed Ke Khatare (Hindi Edition))
यह सही है। इस परम सत्ता को, मनुष्य अपनी आखिरी अदालत मानता है। इस परम सत्ता से मनुष्य दया और मंगल की अपेक्षा करता है। फिर इस सत्ता के रूप बनते हैं, प्रार्थनाएँ बनती हैं। आराधना-विधि बनती है। पुरोहित वर्ग प्रकट होता है। कर्मकांड बनते हैं। सम्प्रदाय बनते हैं। आपस में शत्रु भाव पैदा होता है, झगड़े होते हैं। दंगे होते हैं। मजे की बात यह है कि डाकू भी उसी भगवान का आशीर्वाद माँगकर डाका डालने जाते हैं जिसका आशीर्वाद लेकर आदमी परोपकार करने जाता है।
Harishankar Parsai (Awara Bheed Ke Khatare (Hindi Edition))
अब वह दुबारा क्यों मारा जा रहा है? अब उस आदमी से क्या डर है, और किन्हें डर है? वास्तव में डर है, उन सिद्धान्तों, मूल्यों, मानवीयता, नैतिकताओं से जो गांधी देश को दे गए। ये अभी भी प्रबल हैं। जनमानस में बैठे हैं। इन्हें मिटाना उद्देश्य है। इन्हें मिटाए बिना संकीर्ण राष्ट्रीयता, अमानवीय व्यवस्था अपसंस्कृति लाई नहीं जा सकती और लोकतंत्र की भावना को मिटाया नहीं जा सकता।
Harishankar Parsai (Awara Bheed Ke Khatare (Hindi Edition))
Khud se jitne ki zid h khud ko hi hrana h m bheed nhi hu duniya ki mere andr zamana h
Abhimanyu Kumawat
Kitne saleeke, iss zindagi ke.. Logon ne sikhaaye, kuch hum ne gir ke seekhe. - Gairon ne haske, kaafi gham baante.. Thode doston ke, hisse se chaante! --   Kitne saleeke, iss zindagi ke.. Logon ne sikhaaye, kuch hum ne gir ke seekhe. --- Jeene ke tareeqe, khusi mein ro ke.. They Kabhi tanha, bheed mein hoke. Uljhi ranjishein, dil se bhulaake.. Haar ko muskuraate, Gale lagaake. - Kuch dard piye, jhoothey sach kadwe.. kabhi hasi ke pal, thode feeke feeke.. --   Kitne saleeke, iss zindagi ke.. Logon ne sikhaaye, kuch humne gir ke seekhe.
Vikrmn: CA Vikram Verma (Once Upon A Hum - Strings)
दिशाहीन, बेकार, हताश, नकारवादी, विध्वंसवादी बेकार युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती है। इसका उपयोग महत्त्वाकांक्षी खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति और समूह कर सकते हैं। इस भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी ने किया था। यह भीड़ धार्मिक उन्मादियों के पीछे चलने लगती है। यह भीड़ किसी भी ऐसे संगठन के साथ हो सकती है जो उनमें उन्माद और तनाव पैदा कर दे। फिर इस भीड़ से विध्वंसक काम कराए जा सकते हैं।
Harishankar Parsai (Awara Bheed Ke Khatare (Hindi Edition))
Chitrakoot ke ghat par bhai santan ki bheed Tulsidas chandan ghise, tilak det Raghuveer.
Vikrant Pandey